New RAW Chief: केंद्र सरकार ने 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के IPS अधिकारी रवि सिन्हा को देश की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया मुखिया नियुक्त किया है। रवि सिन्हा मौजूदा RAW चीफ सामंत गोयल का जगह लेंगे। कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने सिन्हा के नाम को मंजूरी देते हुए रॉ के नया चीफ बनाया है। बतौर रॉ चीफ रवि सिन्हा दो साल तक इस पद बने रहेंगे। मौजूदा समय में अभी तक वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कैबिनेट सचिवालय में स्पेशल सेक्रेटरी के रैंक पर तैनात हैं।
कौन हैं RAW चीफ रवि सिन्हा?
बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले रवि सिन्हां दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की है। रवि सिन्हा ने साल 1988 में (UPSC) की परीक्षा पास की और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी के तौर पर मध्य प्रदेश कैडर का हिस्सा बने। हालांकि साल 2000 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने जब मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों का काटकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया तो सिन्हा तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ कैडर में शामिल हो गए। IPS रवि सिन्हात को 'ऑपरेशन मैन' के उपनाम से भी जाना जाता है। वो स्पासई तौर पर काम करने के लिए जाने जाते हैं।
रवि सिन्हा को रॉ के साथ काम करने का लंबा अनुभव
देश की अंतरराष्ट्रीय मामलों की खूफिया एजेंसी रॉ से रवि सिन्हा का लंबे समय से जुड़ाव रहा है। रवि सिन्हा रॉ की ऑपरेशनल विंग के प्रमुख थे। सिन्हा को भारत के पड़ोसी देशों के मामले में विशेषज्ञ माना जाता है। वह जम्मू कश्मीर में भी सेवाएं दे चुके हैं और उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी तैनात रह चुके हैं। सिन्हा ने ऐसे समय रॉ चीफ का पद संभालेंगे, जब दुनिया के कई देशों में सिख कट्टरपंथ तेजी से उभर रहा है। रवि सिन्हा RAW के प्रमुख के तौर पर ऐसे समय में जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं जब सिख उग्रवाद दुनिया के कुछ हिस्सों में फिर से उभर रहा है। साथ ही बीते कुछ समय से मणिपुर में भी हिंसा की खबरें भी सामने आ रही हैं। ऐसे में रवि सिन्हा को इन चुनौतियों से जल्द से जल्द पार पाना कड़ी और बड़ी चुनौती रहने वाली है। विशेषज्ञों की माने तो रॉ चीफ के तौर पर रवि सिन्हा की नियुक्ति बेहद खास है, क्योंकि चीन के साथ LAC पर तनाव के बीच खुफिया तंत्र को और मजबूत करना बेहद जरूरी है। कहा जाता है कि रवि सिन्हा सफल ऑपरेशंस में काफी माहिर लेफ्टिनेंट हैं।
क्या है RAW?
रॉ यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) एक भारतीय खुफिया एजेंसी है। इसका काम खुफिया तरीके से विदेशी जानकारी मुहैया कराना होता है। इस संस्था का काम जानकारी इकट्ठा करना और आतंकवाद को रोकने के साथ-साथ खुफिया ऑपरेशनों को अंजाम देना भी होता है। साथ ही इसकी स्थापना 21 सितंबर 1968 को हुई थी। इस संस्था की स्थापना की जरूरत 1962 में भारत-चीन और 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद महसूस हुई थी। इस संस्था के गठन से पहले विदेशी जानकारी इकट्ठा करने की जिम्मेदारी इंटेलीजेंस ब्यूरो यानी IB का हुआ करता था। आईबी का गठन आजादी से पहले 1933 में अंग्रेजों ने किया था। 1962 के युद्ध में आईबी कई मामलों में नाकाम नजर आई थी। जिसके बाद रॉ की स्थापना की गई थी।
First Updated : Monday, 19 June 2023