गोरखा रेजिमेंट के खुखरी से दुश्मन का नाश, ये हथियार क्यों है इतना खतरनाक?

भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे दुर्जेय सेनाओं में से एक है. इसके सैनिकों की वीरता को दुनिया भर के देश जानते और सराहते हैं. एक शानदार इतिहास के साथ, भारतीय सेना आतंकवादियों और घुसपैठियों से देश की सेवा करती है और उनकी रक्षा करती है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी और शक्तिशाली सेनाओं में से एक है. इसके सैनिकों की बहादुरी और वीरता को दुनियाभर में सराहा जाता है. भारतीय सेना देश की सुरक्षा और आतंकवादियों से रक्षा करती है. सेना में कई रेजिमेंट हैं, लेकिन गोरखा रेजिमेंट को सबसे साहसी और बहादुर माना जाता है. ये सैनिक अपनी बहादुरी, युद्ध कौशल और ताकत के लिए प्रसिद्ध हैं.

गोरखा रेजिमेंट के सैनिकों की सबसे खास बात यह है कि वे किसी भी मुश्किल से नहीं डरते, यहां तक कि जान की बाजी भी लगाते हैं. गोरखा सैनिकों की वीरता को लेकर कई कहानियां हैं. एक प्रसिद्ध कहावत है, "दो प्रकार के लोग होते हैं जो दावा करते हैं कि उन्हें मौत से डर नहीं लगता - या तो वे झूठ बोलते हैं, या वे गोरखा होते हैं." यह कहावत गोरखा सैनिकों की वीरता को पूरी तरह से व्यक्त करती है.

गोरखा रेजिमेंट: इतिहास और विरासत

गोरखा रेजिमेंट की स्थापना 1815 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी. उस समय गोरखा सैनिकों ने ब्रिटिश सेना के साथ कई महत्वपूर्ण लड़ाइयों में हिस्सा लिया. 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, यह रेजिमेंट भारतीय सेना का हिस्सा बन गई.

गोरखा रेजिमेंट: प्रतिष्ठित खुकरी

गोरखा सैनिकों का मुख्य हथियार खुकरी है, जो एक घुमावदार चाकू होता है. यह नजदीकी लड़ाई में इस्तेमाल होता है. कहा जाता है कि खुकरी को खोलने के बाद वह बिना खून बहाए वापस नहीं आती.

गोरखा रेजिमेंट: शक्ति और निडरता

गोरखा सैनिक अपनी शारीरिक फिटनेस और बहादुरी के लिए प्रसिद्ध हैं. उनकी निडरता और कठिन परिस्थितियों में लड़ने की क्षमता उन्हें बहुत खतरनाक बनाती है.

गोरखा रेजिमेंट: युद्धों में योगदान

गोरखा रेजिमेंट ने भारत-चीन युद्ध 1962, भारत-पाक युद्ध 1971 और कारगिल युद्ध 1999 जैसे कई बड़े युद्धों में हिस्सा लिया. उनकी वीरता ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है.

गोरखा रेजिमेंट: पौराणिक वीरता

गोरखा सैनिकों की मौजूदगी से ही दुश्मन सेना में डर फैल जाता है. इतिहास में कई ऐसे उदाहरण हैं, जब गोरखा सैनिकों के छोटे समूहों ने बड़े दुश्मन सैनिकों को हराया है.

लड़ाई का नारा

गोरखा रेजिमेंट का प्रसिद्ध युद्ध नारा है: “जय महाकाली, आयो गोरखाली” (देवी महाकाली की जय हो, गोरखा आ रहे हैं). यह नारा गोरखा सैनिकों में उत्साह भरता है और उनके दुश्मनों में डर पैदा करता है. गोरखा सैनिक न केवल भारतीय सेना में, बल्कि ब्रिटिश और नेपाली सेनाओं में भी सेवा देते हैं. उनकी वीरता का सम्मान दुनियाभर में किया जाता है.

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11 January 2025, 07:21 PM IST

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