J&K को राज्य को दर्जा दिलाने के लिए संसद और सड़क तक जारी रहेगी लड़ाई

Rahul Gandhi: जम्मू-कश्मीर में बुधवार को दूसरे चरण के लिए वोट डाले गए. तीसरे चरण के लिए चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर भाजपा को जमकर घेरा. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा दिलाने के लिए कहा कि हमारी लड़ाई संसद और सड़क तक जारी रहेगी.

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Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर (J&K) का राज्य का दर्जा बहाल करने के वादे को दोहराते हुए कहा कि वे इसके लिए संसद में भी लड़ेंगे और सड़कों पर भी उतरेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा इसलिए छीना गया क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोगों की खुशहाली को खत्म करने के लिए उपराज्यपाल (एलजी) और बाहरी लोगों के जरिए इस क्षेत्र को चलाना चाहती थी. उन्होंने जम्मू में एक रैली में कहा, “जब तक उपराज्यपाल यहां हैं, बाहरी लोगों को जम्मू-कश्मीर के लोगों की कीमत पर लाभ मिलते रहेंगे.” 

यह रैली 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहले विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के साथ हुई. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा-370 को हटा लिया गया था. साथ  जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव लोगों के अधिकारों के बारे में थे. हम राज्य का दर्जा सुनिश्चित करेंगे और फिर सरकार स्थानीय इंडस्ट्रीज की रक्षा करेगी. बैंकों के दरवाजे आम लोगों के लिए खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि 1947 से देश के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जब केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य बनाया गया और राज्यों को दो भागों में विभाजित किया गया, लेकिन कभी भी किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बदला गया. 

राहुल गांधी ने कहा, "यह लोगों के साथ घोर अन्याय था. जम्मू-कश्मीर के लोकतांत्रिक अधिकार छीने गए. हमने सोचा था कि चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा और यह सही तरीका था, लेकिन उन्होंने पहले चुनाव करवा लिए. उन्होंने वादा किया कि अगर भाजपा राज्य का दर्जा वापस नहीं करती है, तो वह इंडिया गठबंधन की पूरी ताकत लगा देंगे. अगर भाजपा किसी कारण से ऐसा नहीं करती है, तो भारत सरकार के तहत पहला काम राज्य का दर्जा देना होगा, क्योंकि यह आपका अधिकार है. 

नेता प्रतिपक्ष गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दो प्रमुख व्यापारिक दिग्गजों के लिए काम करती रही. पूरी सरकार अंबानी और अडानी के लिए काम करती रही, दो हथियार जीएसटी और नोटबंदी का इस्तेमाल सूक्ष्म, लघु और मध्यम इंडस्ट्रीज (एमएसएमई) की कीमत पर इन दो अरबपतियों के लिए रास्ता साफ करने के लिए किया गया. उन्होंने दावा किया कि सरकार ने गरीब लोगों की कीमत पर 25 अरबपतियों का कर्ज माफ कर दिया. उन्होंने कहा, "नोटबंदी और जीएसटी जैसे गलत फैसलों ने एमएसएमई सेक्टर को तबाह कर दिया, जो लोगों को रोजगार देता था. नतीजतन, युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है." First Updated : Wednesday, 25 September 2024