सर्वे, हिंसा और नाम बदलने की कहानी से फिर चर्चा में आई संभल की मस्जिद
संभल की शाही जामा मस्जिद के साइनबोर्ड को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बदलकर जुमा मस्जिद कर दिया है. एएसआई का दावा है कि नया साइनबोर्ड उनके दस्तावेजों में दर्ज नाम के अनुसार है. फिलहाल, नया साइनबोर्ड पुलिस चौकी में रखा गया है और माना जा रहा है कि जल्द ही इसे मस्जिद पर लगा दिया जाएगा. इस बदलाव को लेकर फिलहाल कोई विरोध नहीं हुआ है.

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार कारण कोई विवाद या बयान नहीं, बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा भेजा गया नया साइन बोर्ड है. इस बोर्ड में मस्जिद का नाम "शाही जामा मस्जिद" के बजाय "जुमा मस्जिद" लिखा गया है. यह नाम जल्द ही मस्जिद के बाहर लगाया जा सकता है, और यह मस्जिद के दस्तावेजों में दर्ज नाम के अनुसार है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का कहना है कि यह नया बोर्ड उनके रिकॉर्ड में दर्ज नाम के मुताबिक है, जिसमें मस्जिद का नाम "जुमा मस्जिद" बताया गया है. हालांकि, पहले मस्जिद के बाहर लगाए गए एएसआई के बोर्ड को कुछ लोगों ने हटाकर "शाही जामा मस्जिद" का बोर्ड लगा दिया था. एएसआई के वकील विष्णु शर्मा ने इस नाम परिवर्तन को सही ठहराते हुए कहा कि मस्जिद परिसर के अंदर पहले से ही एक नीला एएसआई बोर्ड इस नाम के साथ लगा हुआ है.
मस्जिद के सर्वे और हिंसा का इतिहास
यह मस्जिद विवादों में रही है, और पिछले साल एक याचिका में दावा किया गया था कि यह स्थल कभी हिंदू मंदिर था. 24 नवंबर 2024 को मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे. पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया था और कर्फ्यू भी लगाया गया था. इस सर्वे में मस्जिद के हिंदू मंदिर होने के दावे को लेकर तर्क दिए गए थे, जो इलाके में तनाव का कारण बने थे.
नया बोर्ड और विरोध की संभावना
अब जबकि नया साइन बोर्ड मस्जिद पर लगाने की योजना है, ऐसा माना जा रहा है कि इस कदम पर विरोध हो सकता है, हालांकि इस बारे में अभी तक कोई औपचारिक आपत्ति सामने नहीं आई है. "जुमा मस्जिद" का नाम रखना एएसआई के दस्तावेजों के अनुसार सही माना गया है, लेकिन स्थानीय समुदाय और धार्मिक समूहों में इसे लेकर विवाद उठने की संभावना है.


