'राष्ट्र संपूर्ण गौरव प्राप्त करेगा': देश के नाम संबोधन में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी ने देश को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके साथ ही, उन्होंने विश्वास जताया कि देश जल्द ही संपूर्ण गौरव प्राप्त करेगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी ने देश को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके साथ ही, उन्होंने विश्वास जताया कि देश जल्द ही संपूर्ण गौरव प्राप्त करेगा. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा 'मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं. मुझे देश को 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी करते हुए देखकर खुशी हो रही है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 'इस अवसर पर तिरंगे को फहराते हुए देख रही हूं. लाल किले पर, राज्यों की राजधानियों में या स्थानीय इलाकों में, यह हमेशा हमारे दिलों को रोमांचित करता है, यह 1.4 अरब से अधिक साथी भारतीयों के साथ हमारे महान राष्ट्र का हिस्सा होने की खुशी की अभिव्यक्ति है. जैसे हम अपने परिवारों के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं हम अपना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस अपने परिवार के साथ मनाते हैं जिसमें हमारे साथी नागरिक शामिल होते हैं, 15 अगस्त को देश के सभी हिस्सों और विदेशों में भी, भारतीय झंडा फहराने के समारोहों में भाग लेते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं.
#WATCH | On the eve of Independence Day, President Droupadi Murmu says "I extend to you all my heartiest Independence Day greetings. I am delighted to see the nation prepare to celebrate the 78th Independence Day. Witnessing the tri-colour unfurl on this occasion, be it at the… pic.twitter.com/DrTNts5ihp
— ANI (@ANI) August 14, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा 'छोटे बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं. जब हम उन्हें हमारे महान राष्ट्र और इसके नागरिक होने के विशेषाधिकार के बारे में बात करते हुए सुनते हैं, तो हमें उनके शब्दों में हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों की बातों की प्रतिध्वनि मिलती है. तब हमें एहसास होता है कि हम उस श्रृंखला का हिस्सा हैं जो स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले लोगों के सपनों और उन लोगों की आकांक्षाओं को जोड़ती है जो आने वाले वर्षों में देश को अपना पूर्ण गौरव हासिल करते हुए देखेंगे. यह एहसास कि हम इतिहास की इस श्रृंखला की कड़ियाँ हैं, विनम्र है. यह हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब देश विदेशी शासन के अधीन था. देशभक्तों और बहादुर आत्माओं ने अत्यधिक जोखिम उठाए और सर्वोच्च बलिदान दिया. हम उनकी स्मृति को सलाम करते हैं. उनके निरंतर श्रम के कारण, भारत की आत्मा सदियों की पीड़ा से जाग उठी.'
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