घट गई कोटा में इंजीनियर-डॉक्टर बनने वालों की संख्या, कैसे हिचकोले खा रहा है अरबों का बिजनेस?
Kota Coaching Business: एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी की कोचिंग करवाने के लिए मशहूर राजस्थान के कोटा शहर में इस साल कोचिंग स्टूडेंट्स की संख्या तेजी से घटने लागी है. जिससे आर्थिक संकट गहराने लगा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल, 2024 में अब तक करीब 1.20 लाख ही स्टूडेंट्स कोटा में कोचिंग करने आए, जो पिछले साल के मुकाबले में आधे हैं.
Kota Coaching Business: देशभर में मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी की कोचिंग करवाने के लिए मशहूर राजस्थान के कोटा शहर में इस साल कोचिंग स्टूडेंट्स की संख्या तेजी से घटने लागी है. जिससे आर्थिक संकट गहराने लगा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल, 2024 में अब तक करीब 1.20 लाख ही स्टूडेंट्स कोटा में कोचिंग करने आए, जो पिछले साल के मुकाबले में आधे हैं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि यहां से शुरू हुए कोचिंग संस्थानों ने अपनी कोचिंग की ब्रांचें अलग-अलग राज्य में खोल दी, जैसे यूपी, बिहार से जो बच्चे आते थे उन स्टूडेंट्स का कोटा में आना कम हो गया है.
हॉस्टल इंडस्ट्रीज पर भारी असर
लीज होल्डर देवेश त्रिपाठी के अनुसार, स्टूडेंट्स के कोचिंग में न आने का सबसे ज्यादा असर हॉस्टल इंडस्ट्रीज पर पड़ा है. हॉस्टल के कमरे खाली है, खर्चे तक नहीं निकाल पा रहे हैं. नया कोचिंग हब कोरल पार्क में हालात बिगड़ने लगे हैं, जिन हॉस्टल में स्टूडेंट आए हैं. उनके किराए में भारी गिरावट आई है, जो रूम पहले 18 से 20 हजार रुपए में मिलते थे अब वह 4 से 5 हजार में मिल रहे हैं.
कई हॉस्टल वाले अपने हॉस्टल को चलाने के लिए रूम के साथ स्टूडेंट्स को खाना भी साथ दे रहे हैं. लोगों के रोजगार पर इसका सीधा असर पड़ रहा है. इस दौरान दुकानों पर कस्टमर्स कम होने लगे हैं. कोचिंग एरिया में लोगों ने अपने काम धंधे बंद कर दिए हैं. कोचिंग संस्थानों में स्टाफ की सैलरी में कटौती हुई हैं. कुछ कोचिंग संस्थानों ने स्टाफ को जॉब से तक हटा दिया है.
कई संस्थानों ने स्टाफ को भेजा घर
इस बीच कई संस्थानों ने तो स्टाफ को घर भेज दिया है. इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक कोचिंग संस्थान में करीब 250 के आसपास लोगों की छुट्टी कर दी गई है. इसमें बैक स्टाफ से लेकर हाउसकीपिंग और मेंटेनेंस का स्टाफ शामिल है. कुछ फैकेल्टी को भी घर भेजा है. एक अन्य कोचिंग संस्थान में 10 से 30 परसेंट तक सैलरी में कमी की है.
दुकानें खाली पड़ी हैं
इस दौरान कोरल पार्क के दुकान चलाने वाले अनमोल के अनुसार, कोरल पार्क और अन्य कोचिंग एरिया में स्टूडेंट्स के ज्यादा रहने की वजह से दुकानों का किराया भी काफी ज्यादा था. इस एरिया के दुकानदारों को अच्छा टर्नओवर भी मिल रहा था. लेकिन जब से स्टूडेंट्स की संख्या कम हुई है उनकी दुकानदारी पर असर पड़ा है. पहले इलाके में दुकानों का किराया 20 से 25 हजार रुपये महीने तक था. आज किराए में भारी गिरावट आई है. कम किराए में भी ऑनर को किराएदार नहीं मिल रहे है.
बिजनेस पर सीधा प्रभाव
इस बीच हॉस्टल को लीज पर चला रही सीमा ने कहा दूसरे राज्यों में कोचिंग संस्थानों ने अपनी ब्रांच खोलने की वजह से कोटा में इस बार स्टूडेंट्स की संख्या में भारी कमी आई है. इसका सीधा प्रभाव कोचिंग इंडस्ट्रीज के साथ-साथ हॉस्टल इंडस्ट्रीज पर देखने को मिल रहा है. अन्य काम धंधे पर भी बुरा असर पड़ा है.
रेस्टोरेंट, रोड साइड फूडकोर्ट, जूस सेंटर, टी स्टॉल, मोची, टेलर, ड्राईक्लीनिंग, फुटकर सब्जी व फ्रूट विक्रेता, डेयरी, खोमचे, फास्टफूड, हेयर सैलून, ऑटो, टैक्सी, रेस्टोरेंट, साइकिल, बाइक रेंट, फोटो स्टूडियो, फोटोकॉपी, किराना, जनरल स्टोर, मोबाइल रिपेयरिंग, स्टेशनरी, प्रिंटिंग व डेली यूज शॉप का व्यापार बड़े स्तर पर चल रहा था. लेकिन अब व्यापार 50 प्रतिशत तक घट गया है.