लैंडस्लाइड में 121 मौतों का असली कारण जानें वायनाड से अब तक के अपडेट

Wayanad Landslide: वायनाड में मूसलाधार बारिश के बाद लैंडस्लाइड से कुदरत की ऐसी विनाशलीला शायद पहले किसी ने नहीं देखी. ड्रोन से ली गईं तबाही की तस्वीरें बर्बादी का मंजर बताने के लिए काफी हैं. चारों तरफ सैलाब का कब्जा दिख रहा है. भूस्खलन में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मलबे से अभी भी लोगों के शव निकाले जा रहे हैं. कई लोग अभी भी मलबे में दबे हैं. सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों राहत और बचाव के काम में जुटी हैं.

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Wayanad Landslide: केरल के वायनाड जिले में कई दिनों तक लगातार बारिश के बाद मंगलवार को भूस्खलन की घटना हुई. जिसमें 121 से अधिक लोगों की मौत हो गई. साथ ही इसमें 128 लोग घायल हो गए और सैकड़ों लोग अभी लापता हैं. इस घटना में दूरदराज के कई गांव नष्ट हो गए. कई मोहल्ले कीचड़ में सन गए और सड़के, पुल बह गए हैं. 2018 के बाद यह राज्य की सबसे खतरनाक मॉनसून आपदा है. 

दक्षिणी केरल के इस जिले में सोमवार और मंगलवार को 572 मिमी बारिश हुई, जिसके कारण चूरमाला गांव में रात 1 बजे से सुबह 4 बजे के बीच दो लैंड स्लाइड हुए. जिससे पानी कीचड और तेज धाराएं मुंडक्कई गांव में घुस गई और दो गांवो के बीच बना एक पुल टूट गया. भारतीय मौसम विभाग ने इस दौरान इन क्षेत्रों में केवल 64 मिमी से 200 मिमी बारिश का अनुमान जताया है. 

लोगों को बचाने के लिए कई टीमें तैनात

सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने लोगों को बचाने के लिए कई टीमें तैनात कीं, लेकिन लगातार बारिश और इरुवंजिंजी नदी के उफनते पानी के कारण राहत प्रयासों में काफी बाधा आई, जिससे बलों को खतरनाक इलाकों से गुजरना पड़ा, जबकि भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे.वायनाड में मौसम अभी भी खराब है. भारी बारिश की वजह से रेड अलर्ट है. इसलिए रेस्क्यू टीम को काफी मुश्किल आ रही है. केरल सरकार ने त्रासदी के बाद दो दिन के शोक की घोषणा कर दी है. 

पांच मंत्री राहत प्रयासों की देखरेख के लिए वायनाड़ रवाना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने इस घटना पर सोक संवेदना व्यक्त की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार शाम अपने मंत्रिमंडल और अधिकारियों के साथ बैठक की और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी राजन सहित पांच मंत्रियों को बचाव और राहत प्रयासों की देखरेख के लिए वायनाड़ भेजा. 

कैसे हुए घटना

इस घटना पर विशेषज्ञों का कहना है कि केरल के मध्य और उत्तरी भागों में दो या तीन दिनों से भारी बारिश हो रही है. यह अचानक नहीं बल्कि लगातार भारी बारिश थी, जिससे मिट्टी नरम और तरल हो गई. जिसके चलते लैंड स्लाइड जैसी घटना होती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, त्रिशूर, पलक्कड़, कोझीकोड, वायनाड, कन्नूर, मलप्पुरम और एर्नाकुलम जिलों में कई स्वचालित मौसम केंद्रों में 19 सेंटीमीटर से 35 सेंटीमीटर के बीच वर्षा दर्ज की गई.


First Updated : Wednesday, 31 July 2024