"उत्तरी सीमा पर स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील है": सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे

 India China Border: भारत और चीन के बीच साल 2020 में गलवान में हिंसक संघर्ष हुआ था. इसके बाद चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेस के तवांग सेक्टर में संघर्ष हुआ.

Sagar Dwivedi
Sagar Dwivedi

 India China Border: भारत और चीन के बीच साल 2020 में गलवान में हिंसक संघर्ष हुआ था. इसके बाद चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेस के तवांग सेक्टर में संघर्ष हुआ. इन घटनाओं की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में दरार बढ़ती गई. चीन अपनी विस्तारवाद नीति से बाज नहीं आ रहा है, जिसकी चिंता भारत सेना को लगातार सता रही है. भारतीय सेना चीन के हर नापाक मंसूबे को जवाब देने के लिए तैयार है. 

सीओएएस जनरल मनोज पांडे ने कहा कि, "यदि आप मणिपुर में हमारी तैनाती को देखें, तो यह नागरिक प्रशासन की मदद करने के लिए है. असम राइफल्स और हमारी सभी इकाइयों ने बहुत संयम दिखाया है. कभी-कभी जब कोई उकसावे की बात होती है, तो कोई गारंटी नहीं होती क्षति, हमारी ओर से कार्रवाई के कारण नागरिकों को कोई हताहत नहीं हुआ. चुनौती उन हथियारों की है जो अभी भी गायब हैं क्योंकि केवल 30% हथियार ही बरामद किए गए हैं. मणिपुर में हमारी तैनाती समन्वित है और राज्य प्रशासन के साथ समन्वय में है. मैं चाहता हूं यह उजागर करने के लिए कि हमारे पास दोनों समुदायों के सैनिक हैं जो एक साथ सोते हैं, खाते हैं और रहते हैं। वे बिना किसी समस्या के काम करते हैं."

सीओएएस जनरल मनोज पांडे ने कहा कि, "वर्तमान में, हमारी कोशिश 2020 के मध्य में मौजूद यथास्थिति पर वापस जाने के लिए (चीन के साथ) बातचीत जारी रखने की है. एक बार ऐसा हो जाए, तो हम पीछे मुड़कर देख सकते हैं बड़े मुद्दों पर. जब तक एलएसी पर जितनी भी सेना तैनात करने की जरूरत होगी, हम तैनात करते रहेंगे.

सीओएएस जनरल मनोज पांडे कहते हैं, "हमने 355 सेना चौकियों की पहचान की है जहां से हमने दूरसंचार मंत्रालय से 4जी कनेक्टिविटी मांगी है। बुनियादी ढांचे का संबंध आगे के हवाई क्षेत्रों, गांवों और हेलीपैड से भी है. हम भूमिगत भंडारण पर भी काम कर रहे हैं." एलएसी पर बुनियादी ढांचे के संबंध में, हम सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहे हैं. 

सीओएएस जनरल मनोज पांडे कहते हैं, "पिछले 5-6 महीनों में राजौरी और पुंछ की स्थिति और आतंकवादी गतिविधियां हमारे लिए चिंता का विषय रही हैं. 2003 तक इस क्षेत्र में आतंकवाद पूरी तरह से फैल गया था और वहां शांति स्थापित हो गई थी." 2017-18 तक. क्योंकि घाटी में शांति आ रही है, हमारे विरोधी इलाके में छद्म तंजीमों को बढ़ावा दे रहे हैं. पाकिस्तानी सेना राजौरी पुंछ इलाके में आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. 

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11 January 2024, 03:24 PM IST

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