पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की वह अधूरी ख्वाहिश जो कभी नहीं हो सकी पूरी

Ex PM Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं रहे. उनके देहांत की खबर के साथ वो इच्छा भी चर्चा में आ गई, जिसे पूरा करने का सपना उन्होंने देखा. हालांकि, वो इच्छा पूरी नहीं हो पाई. मनमोहन सिंह की उस इच्छा का जिक्र कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने अपने एक इंटरव्यू में किया था. जानिए, उन्हें किस बात का मलाल रहा.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

Ex PM Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. गुरुवार शाम अचानक उनकी तबियत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन के साथ ही उनकी एक अंतिम इच्छा भी चर्चा में आई है, जिसे वह ताउम्र पूरा नहीं कर सके.

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था. विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया, लेकिन पाकिस्तान की यादें उनके मन में हमेशा बनी रही. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मनमोहन सिंह को एक इच्छा थी, जिसे वे ताउम्र पूरा नहीं कर पाए.

मनमोहन सिंह को किस बात का मलाल था?

राजीव शुक्ला ने कहा था कि मनमोहन सिंह विदेश में नौकरी करते हुए अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ रावलपिंडी गए थे. उस दौरान वह एक गुरुद्वारे गए, जहां वह बचपन में बैसाखी के दिन जाया करते थे, लेकिन वह अपने गांव नहीं जा पाए थे.

मनमोहन सिंह की मां का निधन बहुत जल्दी हो गया था, और उनका पालन-पोषण उनके दादा ने किया था. एक दंगे में उनके दादा की हत्या हो गई, और इसके बाद वह अपने पिता के पास पेशावर लौट गए. भारत विभाजन के वक्त, वह अपने पिता के साथ भारत आ गए थे.

मनमोहन सिंह का सपना था पाकिस्तान जाना

राजीव शुक्ला के अनुसार, प्रधानमंत्री बनने के बाद मनमोहन सिंह एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे. वह अपने गांव और उस स्कूल को देखना चाहते थे, जहां उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई की थी. एक बार प्रधानमंत्री आवास में राजीव शुक्ला के साथ बातचीत करते हुए, मनमोहन सिंह ने कहा था, "मुझे पाकिस्तान जाने का बड़ा मन है." जब शुक्ला ने पूछा, "कहां जाना है?" तो उन्होंने कहा, "मैं अपने गांव जाना चाहता हूं."

पुश्तैनी घर नहीं देख सके

राजीव शुक्ला ने उनसे पूछा कि क्या वह अपने पुश्तैनी घर को देखना चाहते थे, तो मनमोहन सिंह का जवाब था, "मेरा घर तो बहुत पहले खत्म हो गया, लेकिन अब मुझे उस स्कूल को देखने की इच्छा है, जहां मैंने कक्षा 4 तक पढ़ाई की." हालांकि, कभी ऐसा मौका नहीं मिला कि वह उस स्कूल को देख पाते, लेकिन पाकिस्तान के गाह गांव का वह स्कूल अब "मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज स्कूल" के नाम से जाना जाता है.

गाह गांव में रहने वाले राजा मोहम्मद अली, जो मनमोहन सिंह के क्लासमेट रहे थे, ने मीडिया से कहा कि वे मनमोहन सिंह के साथ चौथी कक्षा तक पढ़े थे. बाद में मनमोहन सिंह पढ़ाई के लिए चकवाल चले गए और भारत विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया. लेकिन आज भी गाह गांव के लोग मनमोहन सिंह को याद करते हैं.

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27 December 2024, 08:02 AM IST

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