Union Budget 2024: संसद में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश किया. इस बीच अब वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट में देश की 500 टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर के ऐलान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई हैं. केंद्रीय मंत्री के इस कदम का उद्योग जगत ने स्वागत करते हुए कहा है कि इससे युवाओं की रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी. लेकिन दूसरी तरफ लेबर एक्स्पर्ट्स ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यह योजना बेरोजगारी की बढ़ती समस्या के सामने एक दिखावा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सदन में बजट पेश करने के दौरान सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 5वीं योजना के रूप में, हमारी सरकार 5 सालों में 1 करोड़ युवाओं को 500 टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक बड़ी योजना शुरू करेगी. उन्हें 12 महीनों के लिए रियल लाइफ के बिजनेस एनवायरनमेंट, कई व्यवसायों और रोजगार के अवसरों का अनुभव मिलेगा.
इस साथ ही वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 5,000 रुपये हर महीने का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 रुपये की एक बार में दी जाने वाली मदद प्रदान की जाएगी. वहीं कंपनियों से उम्मीद की जाएगी कि वे ट्रेनिंग कोस्ट और इंटर्नशिप कोस्ट का 10 प्रतिशत अपने सीएसआर फंड से खर्च करें. यह बजट में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए घोषित कई योजनाओं में से एक है , अन्य रोजगार से जुड़ी सब्सिडी हैं, जिसमें सरकार नए कर्मचारियों के लिए तीन किस्तों में एक बार में दिए जाने वाले वेतन का भुगतान करेगी. वहीं अन्य दो योजनाओं में इम्प्लॉयर और कर्मचारी को कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) योगदान के रूप में सब्सिडी दी जाएगी.
महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप भार्गव ने कहा कि इस योजना से वर्कफोर्स में फ्रेशर्स की रोजगार कैपेसिटी में सुधार होगा. इसके साथ ही भार्गव ने तीन संभावित परिस्थितियों की कल्पना भी की.
उन्होंने कहा कि कंपनियों को इंटर्न लेने के लिए प्रेरित करके, सरकार फ्रेशर्स को वर्कफोर्स में घुसने का मौका दे रही है. जिससे या तो मूल कंपनी इंटर्न को अपना सकती है या वे इंडस्ट्री के दूसरे जाएंट्स के साथ अपना करियर आगे बढ़ा सकते हैं. कुछ मामलों में, इंटर्न अपने द्वारा प्राप्त अनुभव से अपना खुद का कारोबार शुरू कर सकते हैं. यह रोजगार पैदा करने में मदद करेगा.
इस दौरान हमाल पंचायत और कोऑर्डिनेशन वर्किंग पीपुल्स चार्टर नेटवर्क के नीति सलाहकार चंदन कुमार ने कहा कि यह योजना बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि स्किल इंडिया जैसी प्रमुख योजनाएं कैसे विफल रहीं हैं. यह योजना अगर कुछ है तो बड़ी कंपनियों के लिए सस्ते लेबर की अवेलिबिलिटी और शोषण की परमिशन देगी.
First Updated : Tuesday, 23 July 2024