वाराणसी में बोले PM मोदी, - 'जाति के नाम पर भड़काने वालों से सावधान रहने की जरूरत है'

PM Modi In Varanasi : पीएम मोदी ने संत रविदास की पंक्ति पढ़ी, 'जात-पात के फेर मंहि, उरझि रहइ सब लोग. मानुषता कूं खात हइ, रैदास जात कर रोग. इसका हिंदी अर्थ भी बताया.

Pankaj Soni
Edited By: Pankaj Soni

PM Modi In Varanasi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी पहुंचे और यहां संत रविदास जी के 647वें प्रकाश पर्व पर आयोजित समारोह को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं, जो संत रविदास के संकल्पों को पूरा करने का हमें अवसर मिला है. इस दौरान उन्होंने गठबंधन पर जमकर निशाना भी साधा.  

पीएम ने संत रविदास की इस पंक्ति को पढ़ा, 'जात-पात के फेर मंहि, उरझि रहइ सब लोग. मानुषता कूं खात हइ, रैदास जात कर रोग. इसका हिंदी अर्थ हुआ ज्यादातर लोग जात-पात के फेर में उलझे और उलझाते रहते हैं. यह रोग मानवता को नुकसान करता है. संतों की वाणी हमें रास्ता भी दिखाती है और सावधान भी करती है. 

देश को जाति के नाम पर उकसाने और लड़ाने में भरोसा रखने वाले  इंडिया गठबंधन के लोग दलितों वंचितों के लिए हर योजना का विरोध करते हैं और जाति के नाम पर अपने परिवार के स्वार्थ के लिए राजनीति करते हैं. पीएम मोदी ने यह सब बातें शुक्रवार को सीर गोवर्धनपुर स्थित संत रविदास जन्मस्थली मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद गुरु के 647वें प्रकाशपर्व समारोह को संबोधित करते हुए कही. 

गरीब, वंचित, पिछड़ा और दलितों के लिए सरकार की नीयत साफ

पीएम मोदी ने कहा कि गरीब, वंचित, पिछड़ा और दलितों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की नीयत साफ है. बीजेपी कोई परिवारवादी पार्टी नहीं है. परिवारवादी दल अपने परिवार के अलावा किसी और आगे नहीं बढ़ने देते हैं. पीएम ने कहा कि याद करिए देश में पहली आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का किन- किन लोगों ने विरोध किया था. इस बात को हर कोई जानता है. ये सब वही परिवारवादी पार्टियां हैं, जिन्हें चुनाव के वक्त दलित की याद आने लगती है. हमें इनसे सावधान रहना होगा. हमारी सरकार की नीयत गरीबों, वंचितों, पिछड़ा और दलितों के लिए साफ है.  


पीएम मोदी ने बनारस को बताया मिनी पंजाब

पीएम मोदी ने संत रविदास की जन्म जयंती के पावन अवसर पर देशभर से आए रैदासियों का काशी में स्वागत किया. पीएम ने कहा कि बनारस आज मिनी पंजाब जैसा लग रहा है. आपकी तरह मुझे भी रविदास जी बार- बार अपने जन्मभूमि पर बुलाते हैं. यहां आकर उनके संकल्पों को आगे बढ़ाने का और उनके लाखों अनुयायियों की सेवा का अवसर मिलता है. ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है.
 

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23 February 2024, 05:10 PM IST

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