Air Pollution: भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, खासकर दिल्ली और आसपास के इलाकों में पराली जलाने से हवा में जहरीले कण घुल जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता और भी खराब हो जाती है. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना बढ़ाने का बड़ा कदम उठाया है. अब अगर कोई किसान या व्यक्ति पराली जलाता है, तो उसे पहले से कहीं ज्यादा जुर्माना भरना पड़ेगा.
कितना बढ़ा जुर्माना?
नए कानून के हिसाब से, अगर कोई किसान 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाता है, तो उसे 5,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा. वहीं, अगर यह भूमि 2 से 5 एकड़ के बीच है तो जुर्माना 10,000 रुपये हो जाएगा. सबसे बड़ी बात ये है कि अगर कोई व्यक्ति 5 एकड़ से ज्यादा में पराली जलाता पकड़ा जाएगा, तो उसे 30,000 रुपये तक का जुर्माना भरना होगा. पहले, जुर्माने की राशि काफी कम थी - 2,500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक लेकिन अब यह राशि दोगुनी कर दी गई है, ताकि पराली जलाने को रोकने में प्रभावी मदद मिल सके.
सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
भारत सरकार का यह कदम बढ़ते प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से है. खासकर दिल्ली और आसपास के इलाकों में पराली जलाने से प्रदूषण स्तर बहुत बढ़ जाता है जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इन नए नियमों का मकसद किसानों को पराली जलाने से रोकना और प्रदूषण पर नियंत्रण पाना है.
नए नियमों का तुरंत लागू होना
यह नए नियम बिना किसी परामर्श के तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं. यानी अब कोई भी किसान या व्यक्ति यदि पराली जलाता पकड़ा जाएगा, तो उसे जुर्माना भरना ही पड़ेगा. इसके अलावा, इस निर्णय को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत अधिसूचित किया गया है जो पहले से मौजूद कानूनों के साथ जोड़ते हुए प्रदूषण को कम करने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाएगा.
शिकायत दर्ज करने की नई प्रक्रिया
सरकार ने यह भी तय किया है कि प्रदूषण से संबंधित शिकायतों को लेकर एक सटीक प्रक्रिया बनाई जाएगी. अब लोग पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकेंगे और संबंधित अधिकारियों को उनकी जांच करने के बाद निर्णय लेना होगा. इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के दफ्तरों में शिकायतों का एक सरल तरीका तैयार किया गया है.
क्या होगा अब?
अब, किसानों और अन्य लोगों को पराली जलाने से पहले इसके दुष्परिणामों का अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए. सरकार ने अब जुर्माना बढ़ाकर इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई है. यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. हालांकि, यह सवाल भी उठता है कि क्या सरकार किसानों को वैकल्पिक उपायों के लिए पर्याप्त सहायता दे रही है, ताकि वे पराली जलाने से बच सकें.
इसलिए, यह जरूरी है कि हर नागरिक और किसान प्रदूषण को रोकने में योगदान दें और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए सख्ती से इस नियम का पालन करें. First Updated : Thursday, 07 November 2024