बेवजह उठाया जा रहा औरंगजेब का मुद्दा...' RSS नेता भैयाजी जोशी बोले- शिवाजी ने भी बनवाई थी अफजल खान की कब्र
मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर उठे विवाद पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने इसे अनावश्यक मुद्दा बताया है. उन्होंने कहा कि औरंगजेब की मृत्यु भारत में हुई थी, इसलिए उसकी कब्र यहां बनाई गई. उन्होंने आगे कहा कि जिसकी आस्था होगी, वह वहां जाएगा.

मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर देशभर में बहस छिड़ गई है. कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा इसकी कब्र को हटाने की मांग की जा रही है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने इसे एक बेवजह का मुद्दा बताया है. उनका कहना है कि औरंगजेब का निधन भारत में हुआ था, इसलिए यहां उसकी कब्र बनाई गई. उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी अपने दुश्मन अफजल खान का मकबरा बनवाया था, जो भारत की उदारता का प्रतीक है.
इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस विवाद को साजिश करार दिया और इतिहास को धर्म व जाति के नजरिए से देखने की आलोचना की. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐतिहासिक तथ्यों को समझने के लिए व्हाट्सएप फॉरवर्ड पर भरोसा न करें.
RSS नेता ने विवाद को बताया अनावश्यक
नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में RSS नेता सुरेश जोशी ने कहा कि औरंगजेब की कब्र को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "औरंगजेब का निधन भारत में हुआ, इसलिए उसकी कब्र यहां बनाई गई. जिसकी आस्था है, वह वहां जाएगा." उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि शिवाजी ने ही अपने सबसे बड़े दुश्मन अफजल खान का मकबरा बनवाया था. यह भारत की सहिष्णुता और समावेशी संस्कृति का प्रतीक है.
राज ठाकरे ने विवाद को बताया साजिश
MNS प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने लोगों को आगाह किया कि वे ऐतिहासिक तथ्यों को समझने के लिए व्हाट्सएप फॉरवर्ड पर भरोसा न करें. राज ठाकरे ने कहा, "मुगल शासक औरंगजेब शिवाजी नाम के विचार को खत्म करना चाहता था, लेकिन वह असफल रहा. उसका निधन महाराष्ट्र में ही हुआ.
शिवाजी ने बनाई थी अफजल खान की कब्र
MNS प्रमुख ने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना संभव नहीं था. इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (VHP) की अगुवाई में कुछ संगठनों ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इसी दौरान एक धार्मिक पुस्तक की आयत लिखी चादर जलाने की अफवाहों के चलते नागपुर में हिंसा भड़क गई थी.
औरंगजेब को अप्रासंगिक करार
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में RSS के मुख्य प्रवक्ता सुनील अंबेकर ने भी औरंगजेब को अप्रासंगिक करार दिया था. उन्होंने कहा था कि मुगल सम्राट अब इतिहास का हिस्सा हैं और मौजूदा दौर में उनकी कोई भूमिका नहीं है.