इंडिया गठबंधन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हो सकता है बदलाव! BJP के दावे ने बढ़ाई हलचल
New Delhi: नई दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज के एक दावे ने सियासी हलचल मचा दी है. स्वराज ने अपने दावे में कहा है कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के घटक दल लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका में बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं. इसपर स्वराज का मानना है कि अगर विपक्ष को लगता है कि राहुल गांधी इस पद पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें इस बदलाव पर विचार करना चाहिए.
New Delhi: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के घटक दल लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका में बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं. भाजपा का मानना है कि अगर विपक्ष को लगता है कि राहुल गांधी इस पद पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें इस बदलाव पर विचार करना चाहिए. नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि विपक्षी दलों में कई सक्षम नेता विपक्ष के नेता (एलओपी) की भूमिका निभा सकते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि बांसुरी स्वराज ने यह स्पष्ट किया कि यह फैसला उन्हें लेना है क्योंकि यह 'इंडिया गठबंधन' का 'आंतरिक मामला' है. वहीं भाजपा के दावे के संबंध में विपक्षी दलों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि केवल सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के सांसद, जिसके पास कम से कम 10 प्रतिशत सीटें हों, उनको ही विपक्ष का नेता नियुक्त किया जा सकता है. गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है क्योंकि कांग्रेस सदन में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है.
विपक्षी दलों में रोटेशनल लीडरशिप की चर्चा
भाजपा सांसद की यह टिप्पणी लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद को बारी-बारी से बदलने की संभावना के संबंध में विपक्षी दलों के बीच हो रही चर्चा के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में दी गई है. स्वराज ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'हां, बिल्कुल. मैंने यह भी सुना है कि विपक्ष के नेता के पद को रोटेशनल बनाने की बात चल रही है. लेकिन मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहूंगी कि यह विपक्ष का आंतरिक मामला है.'
'विपक्ष में और भी सक्षम नेता हैं'
स्वराज ने कहा कि विपक्ष में सक्षम नेता हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि इंडिया गठबंधन को विपक्ष के नेता की भूमिका के संबंध में अपने विकल्पों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हां, विपक्षी दलों में निश्चित रूप से कई नेता हैं जो विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह सक्षम हैं. अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन को लगता है कि राहुल गांधी अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से नहीं निभा पा रहे हैं, तो उन्हें ऐसा फैसला लेना चाहिए.'
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
पूर्व लोकसभा महासचिव पीडीटी आचार्य ने बताया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सिर्फ उस पार्टी का सांसद बन सकता है जो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार या लोकसभा अध्यक्ष इस निर्णय में कोई भूमिका नहीं निभाते. यह निर्णय पूरी तरह से सबसे बड़े विपक्षी दल द्वारा लिया जाता है, और लोकसभा अध्यक्ष उसी व्यक्ति को मान्यता देते हैं जिसे विपक्षी पार्टी आगे बढ़ाती है.