Union Budget 2024: हर साल की तरह इस बार भी बजट से लोगों की उम्मीदें बहुत हैं. लेकिन, इस बार की सबसे बड़ी चुनौती है संतुलन बनाना. एनडीए के सहयोगी दलों ने अपने राज्यों के लिए अधिक सहायता मांगा है. ऐसे में जितने भी सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर अधिक खर्च करने की आवश्यकता है इसमें वित्त मंत्री संतुलन बनाने की कोशिश करेंगी, साथ ही व्यक्तिगत आयकर में कटौती की मांग को पूरा करने की कोशिश करेंगी और यह भी सुनिश्चित करेंगी कि वह राजकोषीय घाटे के रास्ते पर ना हो.
आरबीआई ने सरकार को बजट के लिए 2 लाख करोड़ रुपये दिया है. जिससे ये उम्मीद लगाई जा रही है कि अधिक सहायता मिलेगा, लेकिन अतिरिक्त धन का उपयोग पहले ही सौर छत योजना के लिए किया जा चुका है. सीतारमण को गरीबों के लिए एक नई आवास सब्सिडी योजना की पीएम नरेंद्र मोदी की अन्य चुनाव पूर्व घोषणा को लागू करने के लिए और अधिक धन की आवश्यकता होगी, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत के कवरेज को बढ़ाने जैसे चुनावी वादों को पूरा करना होगा.
देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सीतारमण को विकास के लिए बड़े कदम उठाने होंगे. महामारी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है.
महंगाई एक बड़ा मुद्दा है. खाने-पीने की चीजों से लेकर ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं. ऐसे में लोगों को राहत देने के लिए महंगाई पर काबू पाना जरूरी है. सीतारमण को ऐसे उपाय करने होंगे जिससे लोगों की जेब पर कम बोझ पड़े.
रोज़गार और शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना आवश्यक है. इसके लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान होने चाहिए.
भारत की बड़ी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है और कृषि पर निर्भर है. किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए विशेष योजनाएं लानी होंगी.
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना भी जरूरी है. महामारी ने हमें सिखाया है कि अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का होना कितना महत्वपूर्ण है. बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अधिक धन आवंटित करना होगा.
First Updated : Tuesday, 23 July 2024