हनीट्रैप में फंसा ये शख्स, पाकिस्तान की ISI से साझा की गगनयान प्रोजेक्ट और ड्रोन की जानकारी
हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक भारतीय व्यक्ति हनीट्रैप का शिकार हो गया और उसने पाकिस्तान की ISI (इंटर-सर्विसेज़ इंटेलिजेंस) को भारत के गगनयान प्रोजेक्ट और ड्रोन तकनीकी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर दी. यह मामला भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी का खुलासा किया गया है.

डीआरडीओ के तत्कालीन निदेशक प्रदीप कुरुलकर एक साल पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हनी ट्रैप में फंस गए थे. यह खुलासा हुआ कि प्रदीप कुरुलकर ने एक पाकिस्तानी एजेंट को संवेदनशील जानकारी दी थी. इसके बाद एक बार फिर रक्षा बलों से जुड़े एक विभाग का कर्मचारी पाकिस्तान के हनीट्रैप में फंस गया है. यह व्यक्ति आयुध निर्माणी में चार्जमैन है . उन्होंने पाकिस्तान की आईएसआई को गगनयान परियोजना और ड्रोन के बारे में जानकारी दी है. उसे उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने गिरफ्तार कर लिया है.
उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने फिरोजाबाद स्थित आयुध निर्माणी के प्रभारी रविन्द्र कुमार और उसके एक साथी को आगरा से गिरफ्तार किया है. उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गुप्त सैन्य और वैज्ञानिक सूचनाएं भेजने का आरोप है. जांच में पता चला कि रवींद्र कुमार एक पाकिस्तानी महिला के हनीट्रैप में फंस गए थे. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की एक महिला एजेंट ने सोशल मीडिया के जरिए रविंद्र कुमार से दोस्ती की थी. इसके बाद उन्होंने उससे संवेदनशील जानकारी लेना शुरू कर दिया. रविन्द्र कुमार उसके जाल में फंस गया.
सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती
पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट ने रविन्द्र कुमार को बताया कि उसका नाम नेहा शर्मा है. उसने फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर रविन्द्र कुमार को धोखा दिया. इसके बाद वह लगातार रवींद्र कुमार को पैसों का लालच देकर ठगती रही. रविन्द्र कुमार ने आयुध निर्माणी फिरोजाबाद से संबंधित कई गोपनीय दस्तावेज उसे यानी पाकिस्तान को भेजे थे. इसमें आयुध निर्माणी की दैनिक उत्पादन रिपोर्ट भी शामिल है. इसके अलावा उन्होंने स्क्रीनिंग कमेटी के गोपनीय पत्र भी लीक कर दिए. साथ ही ड्रोन और गगनयान परियोजना से जुड़ी अहम जानकारियां लीक हुई हैं.
नेहा शर्मा ने बताया नाम
रविन्द्र कुमार के मोबाइल फोन से महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. इसमें आयुध निर्माणी के गोपनीय दस्तावेज भी शामिल हैं. इसमें 51 गोरखा राइफल्स के अधिकारियों और रसद ड्रोन के परीक्षण से संबंधित जानकारी भी शामिल है. जांच में पता चला कि उसने यह संवेदनशील जानकारी व्हाट्सएप पर भी साझा की थी.