अमेरिकी राष्ट्रपति के नाम पर हरियाणा का ये गांव बना था 'कार्टरपुरी', जानें क्यों पड़ा ये नाम
अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार को 100 साल की उम्र में निधन हो गया. वह काफी लंबे समय से बीमार थे. कार्टर का भारत के साथ भी नजदीकी संबंध रहा था. वह भारत की यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे. उनसे पहले राष्ट्रपति डी आइजनहावर ने दिसंबर 1959 और रिचर्ड निक्सन ने 1969 में भारत की यात्रा की थी.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया है. जिमी कार्टर का भारत से काफी मजबूत रिश्ता रहा है और उनकी छाप भारत में भी मौजूद है. कार्टर को भारत का दोस्त कहा जाता रहा है. साल 1977 में आपातकाल हटने और जनता पार्टी की जीत के बाद वो भारत आने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे. उन्होंने साल 1978 में भारत की यात्रा की थी. उनकी भारत यात्रा आज भी यहां निशानी के तौर पर है क्योंकि कार्टर के नाम पर यहां एक गांव का नाम रखा गया'कार्टरपुरी.'
इस गांव का किया था दौरा
कार्टर सेंटर के अनुसार, 3 जनवरी 1978 को कार्टर और तत्कालीन फर्स्ट लेडी रोसालिन कार्टर ने नई दिल्ली से एक घंटे की दूरी पर स्थित हरियाणा के दौलतपुर-नसीराबाद गए थे. यह यात्रा इतनी सफल रही कि इसके तुरंत बाद, गांव के निवासियों ने उस क्षेत्र का नाम 'कार्टरपुरी' रख दिया और राष्ट्रपति कार्टर के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस के साथ संपर्क में रहे. जब राष्ट्रपति कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला तो इस गांव में भी जश्न मनाया गया. वह भारत यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे और एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति थे जिनका भारत से व्यक्तिगत संबंध था.
जिमी कार्टर का मूंगफली किसान से राष्ट्रपति तक का सफर
जिमी कार्टर राजनीति में आने से पहले एक मूंगफली किसान थे और इसके अलावा उन्होंने अमेरिकी नौसेना में भी लेफ्टिनेंट के रूप में सेवा दी थी. उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत जॉर्जिया के गवर्नर के रूप में की और फिर 1977 से 1981 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में काम किया. उनका जीवन बहुत ही प्रेरणादायक रहा और वे एकमात्र पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 100 साल की उम्र तक जीवित रहने का सम्मान हासिल किया.
जिमी कार्टर को 2002 में मिला था नोबेल शांति पुरस्कार
जिमी कार्टर भारत से व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए थे. उनकी मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के तहत भारत में स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में काम किया था. कार्टर का राष्ट्रपति कार्यकाल 1977 से 1981 तक था और उनके नेतृत्व में अमेरिका ने मध्य-पूर्व क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाए थे. कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था, जो उनके वैश्विक शांति प्रयासों के लिए एक बड़ा सम्मान था. बता दें कि कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे.कार्टर 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने थे. इस दौरान उन्होंने अमेरिका के मिडिल ईस्ट से रिश्तों की नींव रखी.