मनमोहन सिंह के वो पांच बड़े फैसले, जिसने रख दी मजबूत भारत की नींव

बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए डॉ.मनमोहन सिंह ने कई बड़े फैसले लिए थे. इन फैसलों का असर आज भी देश पर होता है. उनके कार्यकाल में साल 2009 में आधार कार्ड योजना की शुरुआत हुई.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारत में आर्थिक सुधार के निर्माता कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) को निधन हो गया. वे 92 साल के थे. मनमोहन सिंह को उनके घर पर बेहोशी आने पर दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. एम्स में हर तरह के इलाज के बाद भी मनमोहन सिंह को होश में नहीं लाया जा सका. गुरुवार रात डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पूर्व पीएम के निधन से शोक की लहर दौड़ गई.

वैश्वीकरण और उदारीकरण की शुरुआत की 

वह साल 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे थे. साल 1991 में मनमोहन सिंह की राजनीति में एंट्री हुई जब 21 जून को पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया. उस समय देश एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था. पी.वी. नरसिम्हा राव के साथ मिलकर उन्होंने विदेशी निवेश का रास्ता साफ किया था. वित्त मंत्री रहते उन्होंने देश में आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को लागू किया, जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और भारत को विश्व बाजार से जोड़ा जा सका. आइये जानते हैं डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा लिए गए 5 बड़े फैसले. 

मनरेगा योजना  

तत्कालीन यूपीए सरकार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अगुवाई में 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NAREGA) लागू किया गया. बाद में इसका नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) किया गया था. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करना है, ताकि गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सुधार हो सके. इसके तहत ग्रामीण लोगों को साल में 100 दिन का रोजगार मिलता है.

सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)

2005 में मनमोहन सरकार ने एक एक्ट पारित किया था, जिसके बाद नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों से जानकारी मांगने का अधिकार मिल गया. इस एक्ट को सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) नाम दिया गया. इस एक्ट से सरकार में बैठे लोगों के काम में पारदर्शिता आई और उनकी जवाबदेही भी तय हो सकी.

आधार की सुविधा

बतौर PM रहते हुए डॉ. मनमोहन ने आधार की शुरुआत की थी. इसे बनाने के लिए 2009 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) का गठन हुआ था. इसका उद्देश्य  भारत के नागरिकों को एक ऐसे पहचान प्रमाण पत्र की सुविधा देना था, जिसे आसानी से हर जगह इस्तेमाल किया जा सके.

साल 2008 में कृषि ऋण माफी योजना

डॉक्टर मनमोहन सिंह की सरकार ने Direct Benefit Transfer (DBT) सिस्टम को लागू किया, जिसने गरीबों तक पहुंचने वाले पैसों से जुड़ी कई खामियों को दूर किया. साल 2008 में कृषि ऋण माफी योजना भी शुरू की गई, जिसमें कृषि संकट को दूर करने के लिए 60 हजार करोड़ रुपए के ऋण माफ कर किसानों को काफी राहत प्रदान की गई.

मनमोहन के कार्यकाल में अमेरिका से हुई न्यूक्लियर डील

आर्थिक क्षेत्र के इन बड़े कदमों के अलावा मनमोहन सिंह के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धियों में मार्च 2006 में अमेरिका से हुई न्यूक्लियर डील सबसे प्रमुख है. इस समझौते के तहत, भारत को परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG) से छूट मिली. इसके तहत भारत को अपने नागरिक और सैन्य परमाणु कार्यक्रमों को अलग करने की अनुमति मिली.

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27 December 2024, 08:39 AM IST

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