Criminal Laws: IPC, CrPC और Evidence Act की जगह लेंगे ये तीन विधेयक, पार्लियमेंट्री स्टैंडिंग कमेटी करेगी तीन दिन तक मंथन

विधेयक को पेश करते वक्त गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अंग्रेजों के समय कानून का मूल उद्देश्य दंड देना था, लेकिन आजाद भारत में कानून का उद्देश्य लोगों को न्याय देने का है.

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Parliamentary Standing Committee: भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर गृह मामलों की स्टैंडिंग कमेटी में तीन दिनों तक मंथन चलेगा. इस दौरान समिति विशेषज्ञों की राय लेगी और उसके बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी. बता दें कि इन तीन विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त को लोकसभा के पटल पर रखा था. ये तीनों विधेयक अंग्रेजों के बनाए कानून (IPC, CrPC और Evidence Act) की जगह लाए जाएंगे.

अंग्रेजों के समय कानून का मूल उद्देश्य दंड देना था: शाह  

इन विधेयक को पेश करते वक्त गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि अंग्रेजों के समय कानून का मूल उद्देश्य दंड देना था, लेकिन आजाद भारत में कानून का उद्देश्य लोगों को न्याय देने का है और यह तीनों विधेयक इन्हीं दिशा में लाए गए हैं, साथ ही ये तीनों कानून भारतीयों की आत्मा है. गृह मंत्री शाह की अनुरोध के बाद ही तीनों कानून संसदीय स्थायी समिति को भेज दिए गए थे. 

विधयकों पर विशेषज्ञों से राय ली गई 

उन्होंने कहा कि तीन विधेयकों को बीते चार वर्षों के अध्ययन के बाद तैयार किया गया है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीशों, सभी सांसदों, विधायकों, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ विधि विश्वविद्यालयों के साथ सलाह-मशविरा किया गया था. इन विधयेकों के लिए18 राज्य, 6 केंद्र शासित प्रदेश, शीर्ष अदालत के न्यायधीशों, 16 हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश, 142 सांसदों, 270 विधायकों और आम जनता से ढेर सारी राय इकट्ठा की गई, जिसके बाद इनको शामिल किया गया. 

नए विधयकों में कई धाराएं हटाईं तो कई जोड़ी भी गईं

गृहमंत्री ने आगे कहा कि सीआरपीसी की जगह लेने वाले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक में 533 धाराएं होंगी. उन्होंने आगे कहा कि इसमें करीब 160 धाराओं को बदला गया है और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं, इसी के साथ 9 धाराएं खत्म कर दी गईं. आईपीसी की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता विधेयक में 511 धाराओं के बजाय 356 धाराएं होंगी. वहीं, 175 धाराएं बदली गई हैं और 8 नई धाराओं को जोड़ा गया है और 22 को निरस्त कर दिया गया है. भारतीय साक्ष्य विधेयक की बात करें तो 167 की बजाए 170 धाराएं खंड होंगे. साथ ही 23 खंडों को बदला गया है.  First Updated : Monday, 11 September 2023