Wagh Nakh Weapon: भारत के गौरव की घर वापसी, देश लौटी शिवाजी महाराज की धरोहर

Wagh Nakh Brought To Mumbai From London: महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि मराठा योद्धा राजा शिवाजी की ओर से इस्तेमाल किया गया बाघ के पंजे के आकार का हथियार बुधवार (17 जुलाई 2024) को लंदन के एक संग्रहालय से मुंबई लाया गया. इस हथियार को वाघ नख के नाम से भी जाना जाता है.

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Wagh Nakh Brought To Mumbai From London:  हमारे देश में कई ऐतिहासिक धरोहर ऐसी हैं जो भारत में मौजूद नहीं है. जिनमें कोहिनूर हीरे से लेकर कई चीजें शामिल हैं. अंग्रेजों के जमाने से ब्रिटिश उसे अपने साथ ले गए. इनमें से ही एक है छत्रपति शिवाजी महाराज की धरोहर. अब महाराज शिवाजी की धरोहर को संभालने में जुटी महाराष्ट्र सरकार को एक बड़ी कामयाबी मिली है.

शिवाजी महाराज का वाघ नख आज पुलिस सुरक्षा में दो दिन पहले ही मुंबई लाया गया. प्रतापगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम का प्रतीक वाघ नख दो दिन पहले छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी सतारा में आ गया है. राज्य के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा इस्तेमाल किया गया 'वाघ नख' या बाघ के पंजे के आकार का हथियार बुधवार को लंदन के एक म्यूजियम से मुंबई लाया गया. इस 'वाघ नख' को अब सतारा ले जाया जाएगा.

लंदन से भारत आए वाघ नख

 शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का 350 वर्ष पूरे होने पर राज्य सरकार इसे लंदन के विक्टोरिया अल्बर्ट संग्रहालय से ले आई और आज इसे छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में रखा गया है. इन बाघों ने 1659 में प्रतागढ़ में अफजल खान को मार डाला था. 3 अक्टूबर को संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार इसे इस संग्रहालय से लाने वाले थे. लेकिन किसी कारणवश उसे आने में देर हो गयी. आज ये वाघ नख मुंबई पहुंच गए हैं. इस वाघ नख को लाते समय गोपनीयता बरती गई.

7 महीने तक सतारा के संग्रहालय में रहेगा यह हथियार

शुक्रवार 19 तारीख को वाघ नख को सतारा शहर पहुंचना था. इन वाघनखों को छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय में रखा जाएगा. इस संग्रहालय में इसके लिए एक अलग कमरा तैयार किया गया है. इस संग्रहालय का उद्घाटन शुक्रवार 19 जुलाई को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजीत पवार, संस्कृति मंत्री सुधीर मुनघंटीवार, संरक्षक मंत्री शंभूराज देसाई, खासदार उदयनराजे भोसले, विधायक शिवेंद्रसिंहराजे भोसले की उपस्थिति में किया जाएगा. इसके बाद सात महीने तक नागरिक इस वाघ नख को संग्रहालय में देख सकेंगे.

क्या है 'वाघ नख' का महत्व?

'वाघ नख' भारत के लाखों लोगों के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है. ऐसा माना जाता है कि शिवाजी ने 1659 में बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए 'वाघ नख' का इस्तेमाल किया था. ऐतिहासिक विवरणों के अनुसार, मराठा शासक ने महाराष्ट्र के वर्तमान सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले की तलहटी में अफजल खान को मार डाला था. प्रतापगढ़ की लड़ाई में, मराठों ने खान के नेतृत्व वाली आदिलशाही सेना को हराया. यह हत्या इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी क्योंकि इसने शिवाजी को मराठा साम्राज्य के शासन की स्थापना करने में मदद की. First Updated : Thursday, 18 July 2024