Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू (प्रसादम) को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है. हिंदू संगठन लगातार इसका विरोध करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं इस घटना के पीछे सरकारी नियंत्रण को भी कारण बताया जा रहा है. मंगलवार को इस मामले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कैंपेन चला दिया है. परिषद का कहना है कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से आजाद करना चाहिए. VHP के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि मंदिरों का अधिग्रहण मुगल, ब्रिटिश मानसिकता है.
मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने देशभर में मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए अभियान शुरू करने की घोषणा की. संगठन का कहना है कि सरकारों द्वारा मंदिरों का अधिग्रहण मुस्लिम आक्रमणकारियों और औपनिवेशिक ब्रिटिश शासकों की मानसिकता को दर्शाता है.
विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने तमिलनाडु सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 400 से अधिक मंदिर सरकार के अधीन हैं. पिछले 10 वर्षों में इन मंदिरों से 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
सुरेंद्र जैन ने कहा कि सरकारें मंदिरों की संपत्ति लूटने के लिए उपयोग कर रही हैं. इसके साथ ही यहां उन नेताओं को स्थान दिया जा रहा है जिनको सरकार में स्थान नहीं दे पा रही हैं.
जैन ने दावा किया कि प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाने की खबरों ने पूरे हिंदू समाज को आक्रोशित कर दिया है. उन्होंने केरल के सबरीमाला सहित अन्य मंदिरों में भी ऐसी ही घटनाओं की रिपोर्ट आने का दावा करते हुए इसे हिंदू समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कहा है.
सुरेंद्र जैन ने आगे कहा कि सभी घटनाओं में एक सामान्य बात है कि ये सभी मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं. समस्या का एकमात्र स्थायी समाधान यह है कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर समाज को सौंपा जाए. यहां संतों के मार्गदर्शन में समाज मंदिरों का प्रबंधन कर सके. इससे इस तरह की कोई समस्या नहीं होगी.
इतना ही नहीं VHP नेता ने मंदिरों में सरकार के नियंत्रण को संविधान के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 12 कहता है कि राज्य का कोई धर्म नहीं है. जब ऐसा है तो फिर सरकार को मंदिर चलाने का अधिकार किसने दिया? अनुच्छेद 25 और 26 हमें अपने संस्थानों को चलाने का अधिकार देते हैं. यदि अल्पसंख्यक अपने संस्थानों को चला सकते हैं, तो हिंदू क्यों नहीं?
VHP नेता ने कहा कि ऐसा लग रहा है मानो ये सुनियोजित षड्यंत्र है. मुस्लिम आक्रमणकारियों ने मंदिरों को नष्ट किया और लूटा. ब्रिटिश शासकों ने मंदिरों का नियंत्रण लेकर लूट की व्यवस्था को संस्थागत रूप दे दिया. दुर्भाग्यवश, स्वतंत्रता के बावजूद हमारे राजनेता इस औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त नहीं हो पाए. सरकार द्वारा मंदिरों का नियंत्रण इसी मानसिकता का प्रतिबिंब है. यह लूट अब समाप्त होनी चाहिए. हमारा नारा है, हिंदू धन, हिंदू उद्देश्य के लिए.
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने बताया कि पहले चरण में सभी राजधानियों में विरोध रैलियां आयोजित की जाएंगी. हम यहां मुख्यमंत्रियों को अपनी मांगों का ज्ञापन देंगे. इसके बाद आवश्यकता पड़ी तो इसके बाद कानूनी कदम भी उठाए जाएंगे. यदि यह पर्याप्त नहीं हुआ, तो हम भविष्य में आंदोलन भी शुरू कर सकते हैं.