'अडानी विवाद नहीं, बंगाल के मुद्दे होंगे हमारी प्राथमिकता'.... TMC ने कांग्रेस से अलग किया रुख
तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस से अलग होते हुए संसद में अडानी विवाद पर व्यवधान डालने से इंकार कर दिया. पार्टी ने साफ किया कि वह महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर में अशांति जैसे मुद्दों पर संसद में चर्चा चाहती है, लेकिन कांग्रेस सिर्फ अडानी मामले पर जोर दे रही है. क्या तृणमूल का यह फैसला संसद की कार्यवाही को शांत करेगा? जानिए पूरी खबर में.
TMC Bold Statement: हाल के दिनों में संसद में चल रहे गतिरोध के बीच तृणमूल कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। तृणमूल कांग्रेस ने अडानी समूह से जुड़े विवाद पर कांग्रेस के साथ सहयोग करने से इंकार कर दिया और संसद की कार्यवाही को बाधित करने के खिलाफ अपना रुख साफ किया. तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ अडानी मुद्दे पर संसद में व्यवधान नहीं पैदा करना चाहती, बल्कि वह बंगाल के मुद्दों और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में चर्चा करना चाहती है.
तृणमूल ने कांग्रेस के साथ न जाने का कारण स्पष्ट किया
तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस की चुनावी साझेदारी से अलग हटते हुए कहा कि वह संसद में अपने छह प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर में अशांति और फंड की कमी शामिल हैं. तृणमूल ने कहा कि कांग्रेस केवल अडानी मामले पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है और इसलिए वह इंडिया ब्लॉक की बैठक में शामिल नहीं हुई. तृणमूल का यह मानना था कि जब उनके मुद्दे एजेंडे में नहीं हैं तो इस बैठक का हिस्सा बनने का कोई मतलब नहीं था.
कांग्रेस की अडानी पर जोर
कांग्रेस पार्टी अडानी ग्रीन के निदेशकों पर अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग को लेकर संसद में चर्चा चाहती थी और अडानी मुद्दे पर कामकाज स्थगित करने का प्रस्ताव भी दिया था. इसके बावजूद, कई अन्य विपक्षी दलों ने संसद में अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जैसे चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान, उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा, बांग्लादेश में इस्कॉन साधुओं पर हमला और पंजाब में धान की खरीद में देरी.
अडानी समूह का बयान
अडानी समूह ने स्पष्ट किया कि गौतम अडानी और उनके परिवार पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप गलत हैं. गौतम अडानी ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उनके समूह को इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है और हर हमला उन्हें और मजबूत बनाता है.
तृणमूल कांग्रेस का रुख
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के नंबर दो नेता अभिषेक बनर्जी ने साफ कर दिया कि उनका रुख बिल्कुल स्पष्ट है. तृणमूल पार्टी शीतकालीन सत्र के दौरान बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहती है. बंगाल में केंद्र द्वारा रोकी गई फंडिंग का मुद्दा भी संसद में उठाया जाएगा. तृणमूल पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संसद की कार्यवाही को बाधित नहीं करना चाहती, बल्कि सरकार को कई मामलों में जवाबदेह ठहराने के लिए तैयार है.
इस समय संसद में चल रहे गतिरोध के बीच तृणमूल कांग्रेस का यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल कांग्रेस के साथ रिश्तों को स्पष्ट करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पार्टी अपनी प्राथमिकताओं को लेकर कितनी दृढ़ है.