Justice Sanjiv Khanna: जस्टिस संजीव खन्ना सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ लेंगे. यह समारोह राष्ट्रपति भवन में सुबह 10 बजे होगा, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी. जस्टिस संजीव खन्ना को उनके पूर्ववर्ती न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़, जो 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए ने एक हफ्ते पहले उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया था.
चार दशकों से अधिक का न्यायिक अनुभव रखने वाले जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने करियर में कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं. जस्टिस संजीव खन्ना के शपथ ग्रहण के साथ, भारतीय न्यायपालिका को एक नया नेतृत्व मिल रहा है.
जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में नामांकन के साथ की. उन्होंने सबसे पहले दिल्ली की तीस हजारी जिला अदालतों में प्रैक्टिस की और इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय में कदम रखा. वे आयकर विभाग के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के स्थायी वकील के रूप में भी कार्यरत रहे. 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नत हुए और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बने. एक अनोखी प्रगति के तहत, वह किसी भी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किए बिना जनवरी 2019 में सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए.
सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान, जस्टिस खन्ना ने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं. जस्टिस संजीव खन्ना ने 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरसन के फैसले को बरकरार रखते हुए भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के एकीकरण की पुष्टि की. इसके अलावा, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता का समर्थन करते हुए कागजी मतपत्रों की वापसी की मांग को खारिज किया.
संवैधानिक परंपरा के अनुरूप, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने जस्टिस खन्ना को उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर 2024 को उनकी नियुक्ति की औपचारिक घोषणा की. जस्टिस खन्ना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में उनके अनुभव और निष्पक्ष निर्णयों के आधार पर न्यायपालिका में सुधार और कानून के प्रति विश्वास में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है. First Updated : Monday, 11 November 2024