आज संसद में संविधान पर चर्चा, कांग्रेस और बीजेपी होगी आमने-सामने, राहुल के साथ पहली बार बोलेंगीं प्रियंका
लोकसभा कल सुबह 11 बजे शुरू होगी. दोपहर 12 बजे तक प्रश्नकाल होगा. इसके बाद संविधान पर चर्चा शुरू हो जाएगी. सत्ता पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बहस की शुरुआत करेंगे.
संविधान को आज 75 साल पूरे हो रहे हैं. संसद का शीतकालीन सत्र जारी है.अगले दो दिनों तक संसद में संविधान पर चर्चा होनी है.दोपहर 12 बजे से संविधान पर चर्चा शुरू होगी. इसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी पहली वक्ता होंगी. लोकसभा में उनका ये पहला भाषण होगा. पीएम नरेंद्र मोदी चर्चा पर सदन को जवाब देंगे.
NDA की ओर से बोलेंगे 18 वक्ता
लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर तथा राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को संविधान पर होने वाली चर्चा में एनडीए की ओर से 18 वक्ता हिस्सा लेंगे. राजनाथ सिंह लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे. इसके बाद एचडी कुमारस्वामी, श्रीकांत शिंदे, शांभवी चौधरी, राजकुमार सांगवान, जीतनराम मांझी, अनुप्रिया पटेल और राजीव रंजन सिंह जैसे नेता बोलेंगे और आपातकाल, विपक्ष के गलत नरैटिव की कहानी, कांग्रेस काल में किए गए संवैधानिक संशोधन के मुद्दों को उठाया जाएगा.
राहुल गांधी लोकसभा में करेंगे बहस की शुरुआत
कांग्रेस के संसदीय रणनीतिक समूह ने भी संसद के शीतकालीन सत्र और संविधान पर चर्चा को लेकर बातचीत की. संसद का शीतकालीन सत्र संभवत: 20 दिसंबर को समाप्त होगा. विपक्ष की ओर से राहुल गांधी द्वारा विपक्ष के नेता के रूप में लोकसभा में संविधान पर चर्चा शुरू किए जाने की संभावना थी लेकिन कुछ नेताओं ने रणनीति में बदलाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा विपक्षी खेमे के लिए बहस की शुरुआत कर सकती हैं जो लोकसभा में उनका पहला भाषण होगा.
14 दिसंबर को बोलेंगे पीएम नरेंद्र मोदी
लोकसभा में 14 दियसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी तकरीबन 5 बजे संविधान पर हुई चर्चा पर जवाब देंगे. इसके बाद 16 दिसंबर से राज्यसभा में संविधान पर चर्चा शुरू होगी. बताया जा रहा है कि इसकी शुरुआत अमित शाह कर सकते हैं. इसके अलावा जेपी नड्डा भी संविधान पर चर्चा में अपने विचार रखेंगे.
एक देश, एक चुनाव' विधेयक को मंजूरी
सत्तारूढ़ भाजपा ने गुरुवार को ‘एक देश, एक चुनाव' के अपने प्रमुख मुद्दे को लागू करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल ने दो मसौदा कानूनों को मंजूरी दी है, जिसमें से एक संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधेयक विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ चुनाव से जुड़ा है.
संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए दो तिहाई बहुमत, जबकि दूसरे विधेयक के लिए सदन में सामान्य बहुमत की आवश्यकता होगी. देश में 1951 और 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए थे. एक साथ चुनाव की अवधारणा 1983 के बाद से कई रिपोर्ट और अध्ययनों में सामने आई है.