पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन, फिर जाना होगा मसूरी अकादमी, जानें क्या है अपेडट

Pooja Khedkar: एलबीएसएनएए द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, आपके जिला ट्रेनिंग कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का फैसला लिया है. ऐसे में आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला ट्रेनिंग कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है. एकेडमी का पत्र इसके साथ अटैच है.

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Pooja Khedkar: आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.पूजा कथित तौर पर सत्ता के दुरुपयोग और विकलांगता और ओबीसी कोटा में हेराफेरी करने के लिए विवादों में चल रही हैं. इस बीच उनका नाम एक और  गड़बड़ी में शामिल पाया गया है. जिसमें उन्होंने अपनी उम्र के साथ हेरफेर और दो अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया है. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूजा खेडकर ने 2020 में कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) के एग्जाम में अपनी डेट ऑफ बर्थ लिखी, वह 2023 के सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी)  के आवेदन फॉर्म में लिखी गई उम्र से बिल्कुल अलग थी. बता दें, कि पूजा ने तीन साल के अंतराल में दोनों एग्जाम दिए, मगर आवेदन में उम्र का अंतर एक साल ही रहा.  उन्होंने 2020 के कैट एग्जाम में अपना नाम खेडकर पूजा दिलीप राव बताया था जबकि यूपीएससी एग्जाम में नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर है. 

पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रुकी 

इस बीच अब विवादों में घिरने के बाद उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम को होल्ड कर दिया है. इसके साथ ही एकेडमी ने उन्हें तुरंत  वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया है.

आदेश में क्या कहा गया है?

एलबीएसएनएए द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, 'आपके जिला ट्रेनिंग कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का फैसला लिया है. ऐसे में आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला ट्रेनिंग कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है. एकेडमी का पत्र इसके साथ अटैच है. आपको तुरंत, लेकिन किसी भी हालात में 23 जुलाई, 2024 के बाद एकेडमी में शामिल होने का निर्देश दिया जाता है.'

पूजा खेडकर पर ये हैं आरोप?

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के आरोपों की बात करें तो उन्होंने  2007 में पुणे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट दिया था, उसमें शारीरिक या मानसिक विकलांगता का उल्लेख नहीं था. पुणे में काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. अरविंद भोरे ने इसकी पुष्टि की है. 34 साल की पूजा खेडकर के खिलाफ जांच जारी है. खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी जॉब के लिए फर्जी  विकलांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट पेश किया था. 

इसके अलावा खेडकर पर यह भी आरोप है कि  उन्होंने  पुणे में अपनी पोस्टिंग के दौरान अपने पद का दुरुपयोग किया था. रिपोर्ट के अनुसार, पूजा खेडकर ने पुणे में नौकरी जॉइन करने से पहले ऑफिस केबिन और गाड़ी के साथ रेजिडेंशियल मकान देने की मांग कर दी थी.  इसके साथ ही उन्होंने  लेटरहेड बनाने को लेकर भी विवाद किया था. यह सारी मांगे उन्होंने जानबूझकर की थी, जबकि उन्हें पता था कि ट्रेनी आईएएस को 24 महीने की ट्रेनिंग के दौरान ये सुविधा नहीं मिलती हैं. ऐसे में पुणे पुलिस खेडकर की ओर से दिए गए मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच कर ही है. 

पूजा खेडकर की पहली प्रतिक्रिया 

अपने ऊपर लगे कई विवादों के चलते पूजा खेडकर ने चुप्पी साध ली थी, लेकिन  बाद में, उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ कमेटी जांच कर रही है. सच या झूठ का फैसला मीडिया और पब्लिक नहीं करेगी. समिति जांच के बाद जो फैसला लेगी, उसे सभी को स्वीकार करना होगा. खेडकर ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने से पहले दोषी करार देना गलत है, ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह जांच समिति के सामने ही अपना पक्ष रखेगी. 


First Updated : Tuesday, 16 July 2024