ट्रंप भारत के दोस्त या दुश्मन? जयशंकर ने दिया सही जवाब!
क्या डोनाल्ड ट्रंप भारत के दोस्त हैं या दुश्मन? विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस सवाल का जवाब दिया और अमेरिका के राष्ट्रपति को एक अमेरिकी राष्ट्रवादी बताया. उन्होंने बताया कि ट्रंप के साथ भारत के रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन भारतीय विदेश नीति हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों पर आधारित रहेगी. साथ ही, जयशंकर ने भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत और PM मोदी के साथ ट्रंप के अच्छे रिश्तों पर भी बात की. जानिए, जयशंकर ने ट्रंप और भारत के रिश्तों को लेकर और क्या कहा!
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India-US Relations: भारत और अमेरिका के रिश्ते इन दिनों सुर्खियों में हैं, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ भारत के संबंधों को लेकर. इस विषय पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने विचार साझा किए हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप एक अमेरिकी राष्ट्रवादी हैं, और हालांकि उनकी नीतियां कुछ वैश्विक बदलाव ला सकती हैं, भारत की विदेश नीति हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए तय की जाएगी.
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में था अच्छा व्यवहार
जयशंकर ने बताया कि हाल ही में उन्होंने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जहां उनके साथ अच्छा व्यवहार किया गया था. यह संकेत देता है कि दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं. इसके अलावा, विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच भी अच्छे व्यक्तिगत संबंधों का जिक्र किया.
भारत की विदेश नीति में हमेशा होगा राष्ट्रीय हित का ध्यान
विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप की नीतियों में कुछ बदलाव हो सकते हैं, जिनका असर भारत पर भी पड़ सकता है. लेकिन उन्होंने साफ कहा कि भारत की विदेश नीति राष्ट्रीय हितों से ही निर्देशित होगी. कई मामलों में भारत और अमेरिका के विचार मेल नहीं खा सकते, लेकिन दोनों देशों के रिश्ते मजबूत रहेंगे.
भारत का वैश्विक प्रभाव और बदलती धारणाएं
जयशंकर ने इस दौरान भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और विदेशों में भारतीयों के प्रति बदलती धारणाओं पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, "अब तो विदेशों में भी लोग खुद को भारतीय कहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उन्हें विमान में सीट मिलने में मदद मिलेगी."
विदेश नीति में जयशंकर का दृष्टिकोण
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि उन्हें राजनीति में आने का कभी ख्याल नहीं था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने यह भी कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए भारत हमेशा एक मजबूत सहारा बना रहेगा. "हम लोग ही विदेश में भारतीयों के रखवाले हैं," उन्होंने कहा.
समाज में अहम भूमिका निभाते हुए भारत की बढ़ती ताकत
जयशंकर ने यह स्पष्ट किया कि भारत का वैश्विक प्रभाव अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है और भारत के प्रति विदेशों में एक सकारात्मक नजरिया बन चुका है. इस बातचीत से यह साफ होता है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते भविष्य में भी मजबूत रहेंगे, चाहे वैश्विक कूटनीति में बदलाव आए. जयशंकर का दृष्टिकोण साफ है कि भारत हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों के पक्ष में खड़ा रहेगा, और इसके साथ ही दुनिया के सामने अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा.
शब्दों का खेल और रणनीतिक मित्रता
कुल मिलाकर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ट्रंप के साथ भारत के संबंधों पर जो खुलासे किए, वह इस बात का संकेत हैं कि भारत और अमेरिका के बीच के रिश्ते सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. अब देखना होगा कि इस रिश्ते में आने वाले समय में और क्या बदलाव होते हैं.