भारत-पाकिस्तान बंटवारे में बिछड़े दो यार, पुनः मिलन का वायरल हो रहा VIDEO
वर्ष 1943 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो दो दोस्त आपस में बिछड़ गए और उनकी आयू करीब 12 साल थी. तब के बिछड़े हुए दोस्त जब एक बार फिर से एक दूसरे से मिले तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा
15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ इससे पहले न कोई पाकिस्तान था और न ही कोई बांग्लादेश, पूरे विश्वभर में हिदूंस्तान और भारत के नाम से ही गुजा जाता था लेकिन जब 1947 में भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो एक ही पल में कई परिवार, कई रिश्तेदार, कई दोस्त यहां कर की भाई में एक दूसरे से बिछड़ गए इस घटना में कई कहानी ऐसी है जिसे आज भी अगर दोहराया जाए तो दिल को छू जाती है. लेकिन इस कड़ी में आज हम आपको दो दोस्त के बारें में बताने जा रहा हैं जो आजादी से समय में तो बिछड़ गए थे लेकिन इन दिनों से फिर से उनका वीडियो सोशल मीडिया पर तहलका मचा है और उनकी कहानी के बारे में जानते है विस्तार...
वर्ष 1943 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो दो दोस्त आपस में बिछड़ गए और उनकी आयू करीब 12 साल थी. तब के बिछड़े हुए दोस्त जब एक बार फिर से एक दूसरे से मिले तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा वो एक दूसरें से मिलकर आपनी बचपन की याद को ताजा करने लगे. इन दिनों सोशल मीडिया पर दोनों दोस्त के पुनर्मिनल का एक वीडियो वायरल हो रहा. जिसमें बता दें कि दोनों दोस्त गुजरात दीसा में एक साथ खेलते थे और वर्ष 1947 में अलग हो गए थे.
दादा और उनके दोस्त की अगली मुलाकात उनके 90वें जन्मदिन पर अप्रैल में होगी. ये मेगन कोठारी ने बताया. ये भावुक वीडियो देखकर लोग काफी भावुक हो गए और कई तरह के कमेंट्स किए. एक यूजर ने लिखा, "आखिर हम सब भाई-बहन ही हैं. राजनीतिक नफरत हमें ना बांटे."
तो किसी ने कमेंट किया, "ये कई सालों में देखी गई सबसे खूबसूरत चीज है." तो वही एक यूजर ने लिखा, "इस वीडियो ने मेरा दिन बना दिया. मैं बहुत खुश हूं. दोस्त की तरफ तेजी से चलते हुए उनके आंसू छलक आए. शुक्रिया!" एक चौथे ने लिखा, "इसने मेरी पूरी जिंदगी बना दी. इस खूबसूरत पल को हमारे साथ शेयर करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया. भगवान उन दोनों का भला करे."
इस बीच ब्राउनहिस्ट्र नाम के इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें लिखा कि भौगोलिक और राजनीतिक बाधाओं के बावजूद, जो उन्हें अलग करती थीं, उनमें अब भी एक-दूसरे के लिए जो प्यार और सम्मान है, वह गहरा है. यह एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि मानव कनेक्शन की शक्ति को किसी भी सरकार या सीमा द्वारा समाप्त नहीं किया जा सकता है. उन्हें उम्मीद है कि इस अप्रैल 2024 में न्यू जर्सी में मेरे दादाजी के 90वें जन्मदिन पर वे फिर से मिलेंगे.