कान्हा टाइगर रिजर्व में एक हफ्ते के अंदर दो बाघ की मौत , बाघ टी-67 की निधन
कान्हा टाइगर रिजर्व में आज टी- 67 की मौत हो गई है. ये एक हफ्ते के अंदर दो बाघों की मौत है. बीते दिनों शिकारियों ने बाघ को करेंट लगाकर खापा में मारा था.
Kanha tiger reserve tiger T-67 died : कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघ की मौतों की खबर आए दिन सुनाई देती है. आपको बता दें बीमारी के चलते टी-67 बाघ की मौत हो गई है. ये कान्हा टाइगर रिर्सव में एत हफ्ते ते अंदर दुसरी मौत है. बता दें इससे पहले रविवार यानि की 11 मार्च को कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन के अंदर खापा रेंज में एक नर बाघ की मौत हो गई थी. जिसमें बाघ की करंट लगने से मौत हो गई थी. बाघ की पहचान भैसानघाट के मेल टी-46 के रूप में की गई थी.
आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचा टाइगर
वन विभाग के अनुसार कान्हा टाइगर रिर्जव के सिझौरा परिक्षेत्र के ग्राम चंदिया के पास बाघ देखा गया था. जहां बाघ कि पहचान टी-67 के रूप में हुई थी. बाघ की उम्र 12 वर्ष थी. बुढ़े होने की वजह से टाइगर शहर में घुस गया था. जिससे वहां के मवेशियों ने टाइगर को आसानी से अपना शिकार बना लिया. आपको बता दें, इस बात की सूचना चंदिया गांव के लोगों ने वन विभाग को दी.
बाघ टी-67 की मौत
टाइगर बाघ टी-67 शारिरिक तौर पर काफी बीमार हो गया था. जिसका इलाज रेस्क्यू दल द्वारा क्षेत्र संचालक एस.के. सिंह ने जल्दी ही इलाज करने की योजना बनाई. टाइगर के इलाज के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की परिक्षेत्र में क्वारेन्टाइन हाउस तैयार किए गए थे. बाघ की हालत गंभीर होने के चलते डॉ. संदीप अग्रवाल की टीम बाघ को लगातार देखभाल कर रही थी. लेकिन दांत टूट जाने की वजह से बाघ सही से खाना भी नही खा पा रहा था. जिसके बाद इलाज के दौरान बाघ की मौत हो गई. बाघ की मौत होने पर प्रोटोकॉल अनुसार के अनुसार मृत बाघ का क्रियाकर्म किया गया.