Sanatana Dharma: सनातन धर्म पर बयान देकर बुरा फंसे उदयनिधि स्टालिन, DMK नेता के खिलाफ होगी SC में सुनवाई
पिछले सप्ताह ही मद्रास के वकील बी जगन्नाथ की याचिका पर नोटिस जारी किया था, जस्टिस अनिरुद्धा बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किया.
Sanatana Dharma: तमिलनाडु सरकार में कैबिनेट मंत्री उदयनिधि स्टालिन, ए राजा समेत पार्टी के अन्य नेताओं के द्वारा सनातन धर्म पर दी गई टिप्पणी के खिलाफ दायर याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस याचिका को वकील विनीत जिंदल ने दाखिल किया है, इसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार कर लिया है.
सनातन धर्म पर दिए गए बयान पर मचा घमासान
दरअसल, पिछले सप्ताह ही मद्रास के वकील बी जगन्नाथ की याचिका पर नोटिस जारी किया था, जस्टिस अनिरुद्धा बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किया. डीएमके के नेता स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए गए बयान के बाद ही घमासान मचा हुआ था, उनके खिलाफ कई जगहों पर केस दर्ज किया जा चुका है और बीजेपी लगातार डीएमके को इस मुद्दे पर घेर रही है.
तमिलनाडु के एक कार्यक्रम में दिया बयान
तमिलनाडु के एक कार्यक्रम में उदयनिधि स्टालिन का शामिल हुए थे, यहां पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ चीजे ऐसी होतीं है जो जिनका विरोध करने से कुछ नहीं होता है. हमें उन्हें पूरी तरीके से खत्म कर देना चाहिए. उदयनिधि ने कहा कि, डेंगू, मलेरिया और कोरोना का हम विरोध नहीं कर सकते हैं, उसको खत्म कर देना चाहिए. सनातन भी ऐसा ही है. इसके बाद ही उत्तर भारत में विवाद छिड़ गया. बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों ने इसका कड़ा विरोध किया.
सनातन धर्म का नाश ही समानता स्थापित करना है: उदयनिधि स्टालिन
बता दें कि विवाद को बढ़ता देख उदयनिधि स्टालिन ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि, मैंने लोगों से यह नहीं कहा है कि सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों का नाश कर दिया जाए. बल्कि सनातन धर्म का सिद्धांत धर्म और जाति बांटने वाला है. इसलिए सनातन धर्म को जड़ से उखाड़ना ही मानवता और समानता को स्थापित करना है.