Uddhav Thackeray: एकनाथ शिंदे की बगावात के बाद महाराष्ट्र की सत्ता में परिवर्तन के साथ पार्टी भी अब दो धड़ों में बंट चुकी है. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रदेश में अपना राजनीतिक जमीने तैयार करने के लिए पूर्व की जनता पार्टी से जुड़ी सेक्युलरवादी छोटे दलों के साफ गठबंधन करने की तैयारी में हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर ठाकरे सत्ता में वापसी कर चुके थे. अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए उद्धव ठाकरे समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष विचारों वाली जनता परिवार के उन पार्टियों से हाथ मिलाने की तैयारी में है जो सूबे की राजनीति में दशकों से हाशिए पर हैं.
15 अक्टूबर को बैठक
इस कड़ी में पूर्व सीएम रविवार, 15 अक्टूबर को राज्य के समाजवादी जनता परिवार के सभी दलों और संगठनों के साथ बैठक करेंगे. ऐसी चर्चा है कि इस बैठक में समाजवादी जनता पार्टी- जदयू आद और शिवसेना (यूबीटी) के बीच गठबंधन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. बांद्रा स्थित एमआईजी क्लब में होने वाली इस बैठक में कुल 150 लोगों को आमंत्रित किया गया है.
अन्य नेताओं के साथ चर्चा करेंगे उद्धव ठाकरे
जदयू के महासचिव कपिल पाटिल ने बताया की इसे पहले 24 अगस्त को पुणे में एक बैठक हो चुकी है. मुंबई में होने वाली यह बैठक दूसरी होगी, जिसमें उद्धव ठाकरे कई अन्य नेताओं के साथ बातचीत करेंगे. इस बैठक में समाजवादी जनता परिवार के नेताओं के अलावा विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता और श्रमिक संगठनों के नेता भी शामिल होंगे.
'इंडिया गठबंधन को मिलेगी मजबूती'
जदयू महासचिव और राज्य विधान परिषद के सदस्य पाटिल ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में समाजवादी जनता परिवार से जुड़ी पार्टी और संगठनों का करीब 7 से 8 फिसदी वोट है. यह वोट बैंक जुड़ने से शिवसेना ही नहीं बल्कि इंडिया गठबंधन को और मजबूती मिलेगी.
शिवसेना का पहले कर चुकी है गठबंधन
आपको बता दें कि बाल ठाकरे ने साल 1996 में 19 जून को शिवसेना की स्थापना की थी. तब से लेकर अब तक शिवसेना 22 बार धर्मनिर्पेक्ष, समाजवादी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुकी है, जिसमें मुस्लिम लीग भी शामिल रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जार्ज फर्नांडिस के साथ शिवसेना के गठबंधन को मुंबई में अब भी याद किया जाता है. First Updated : Saturday, 14 October 2023