जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को सही करार दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने के अनुसार, अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था. जम्मू कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी. शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उद्धव ठाकरे ने कहा, "हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.
उद्धव ठाकरे ने कहा, धारा 370 खत्म करने के समय हमने इसका समर्थन किया था. उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का जो दूसरा आदेश है कि अगले सितंबर तक वहां चुनाव होने चाहिए, वह जल्द से जल्द हो जाएगा. वहां की जनता है उनको खुली हवा में मतदान करने का अवसर मिलेगा. चुनाव के पहले अगर PoK भी आ जाता है तो पूरे कश्मीर में चुनाव हो जाएगा और देश का एक हिस्सा बरकरार रहेगा."
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
सीजेआई ने कहा राष्ट्रपति द्वारा लिया गया फैसला वैध है. भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर में लागू होंगे.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि यह जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति केवल जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश पर ही अनुच्छेद 370 पर आदेश जारी करें.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया है कि चुनाव आयोग 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए जरूरी कदम उठाए और केंद्र शासित प्रदेश J&K में राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहल किया जाए.
केंद्र सरकार ने तर्क दिया है कि जम्मू-कश्मीर में संविधान से इस अनुच्छेद को हटाने से स्वचालित रूप से विधान सभा का निर्माण हो गया. केंद्र का यह भी दावा है कि इससे राष्ट्रपति शासन या विधानसभा को स्थगित करने और संसद की सहमति से कार्रवाई करने का अधिकार मिल जाता है. वहीं बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर मनमाने ढंग से राज्य के अधिकार छीनने का आरोप लगाया है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिश भारत के राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं है.
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने धारा 370 खत्म किया था. इसके साथ ही लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. First Updated : Monday, 11 December 2023