मनसे प्रमुख की अमित शाह से मुलाकात पर उद्धव ने कसा तंज, बोले- एक और ठाकरे को चुराने की कोशिश कर रही बीजेपी
Uddhav Thackeray on BJP: शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने सत्तारूढ़ भाजपा पर महाराष्ट्र में चुनाव जीतने के लिए "ठाकरे को चुराने" की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी ने उनके चचेरे भाई राज ठाकरे को छीन लिया तो उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है.
Uddhav Thackeray on BJP: राज ठाकरे के बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तंज कसा है. नांदेड़ में उद्ध ठाकरे ने कहा कि वे बाहर से लोगों को ले जाते हैं. आज भी किसी को ले गए हैं. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच हाल ही में हुई बैठक पर तंज कसते हुए कहा कि, सत्तारूढ़ भाजपा महाराष्ट्र में चुनाव जीतने के लिए एक और "ठाकरे को चुराने" की कोशिश कर रही है.
दरअसल हाल ही में दिल्ली में राज ठाकरे और गृह मंत्री अमित शाह के बीच एक बैठक हुई. इस बैठक के बाद ऐसी अटकलें हैं कि बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में अपने गठबंधन को मजबूत करने के लिए राज ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन पर विचार कर रही है. इसी को लेकर उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
उद्धव ठाकरे ने BJP पर नेताओं को चुराने का लगाया आरोप
नांदेड़ जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने BJP पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि,आगे कहा "बीजेपी अच्छी तरह से जानती है कि उन्हें महाराष्ट्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलते हैं. लोग यहां (बाल) ठाकरे के नाम पर वोट करते हैं. इस अहसास ने बीजेपी को बाहर (बीजेपी) से नेताओं को चुराने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया.
बीजेपी के साथ रहने से शिवसेना की छवि खराब हुई- उद्धव ठाकरे
उद्धव ठाकरे ने यह भी दावा किया कि ईसाइयों और मुसलमानों को उनकी हिंदुत्व की शैली से कोई समस्या नहीं है. उन्होंने कहा, "जब हम भाजपा के साथ थे तब शिवसेना (अविभाजित) की छवि खराब हो रही थी लेकिन, जब से हमने उनसे संबंध तोड़ लिया है, ईसाई और मुस्लिम समुदाय के सदस्य भी कह रहे हैं कि उन्हें हमारी हिंदुत्व विचारधारा से कोई दिक्कत नहीं है."
कौन है राज ठाकरे
बता दें कि साल 2006 में अविभाजित चरण के दौरान राज ठाकरे शिवसेना गुट से अलग हो गए थे. उनके अलग होने का कारण चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ उनकी असहमति थी. शिवसेना से अलग होने के बाद राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) का गठन किया. विशेष रूप से, एक सम्मोहक वक्ता के रूप में पहचाने जाने और एक महत्वपूर्ण आधार रखने के बावजूद, राज ठाकरे की एमएनएस ने राज्य में पर्याप्त प्रभाव हासिल नहीं किया है.