Suicide Prevention : कई बार जिंदगी में लोग ऐसी परिस्थितियों से गुजरते हैं, जब उन्हें किसी की बातें और किसी का साथ अच्छा नहीं लगता. देश में पिछले कुछ समय से आत्महत्या के बहुत से मामले सामने आए हैं. जिसका कारण पढ़ाई का बोझ, एग्जाम में अच्छे नंबर लाना, आर्थिक तंगी, प्यार में धोखा जैसे कई कारण हो सकते हैं. सुसाइडड के मामले ज्यादातर युवाओं में देखने को मिल रहे हैं. अब भारत सरकार ने इसको रोकने के लिए अहम पहल शुरू की है.
कोटा में सुसाइड के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की है जिसका नाम उम्मीद (UMMEED) है. इसके अनुसार अब स्कूलों को सुसाइड प्रिवेंशन के लिए प्लान ऑफ एक्शन बनाना होगा. इसके तहत स्कूलों में वेलनेंस टीमें सेट अप की जाएंगी. इस टीम का काम स्कूल के सभी छात्रों से बातचीत करना और उन्हें अवसाद, आत्महत्या या खुद को हानि पहुंचाने की किसी भी लक्षण का पता लगाना होगा. यानी उन्हें इमोशनल सपोर्ट दिया जाएगा.
U- Understand छात्रों को समझना
M- Motivate प्रेरित करना
M- Manage छात्रों को अवसाद जैसी स्थिति से बाहर निकालना
E- Empathise सहानुभूति देना
E- Empower सशक्त करना
D- Develop विसकिस करना
भारत सरकार के एक डेटा के अनुसार हमारे देश वर्ष 2021 में लगभग 13,000 छात्रों ने सुसाइड किया था. जबकि 2020 में 2021 के 4.5 फीसदी कम आत्महत्याएं हुई थी. इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में हर साल लगभग 7 लाख लोग सुसाइड करते हैं. जिनमें 15 से 29 उम्र के मामले हैं जो चौथा सबसे बड़ा आंकड़ा है. इनके पीछे अलग-अलग कारण देखने को मिले हैं. First Updated : Monday, 09 October 2023