मुनाफा बढ़ा खटाखट पर सैलरी में 'सन्नाटा', सरकार ने की कॉर्पोरेट की खिंचाई
Union Budget 2024: भारत का आम बजट आज जनता के सामने आ गया. इससे पहले सरकार ने आर्थिक बजट पेश किया. इसमें कॉर्पोरेट सेक्टर की खिंचाई की गई. सरकार ने सर्वे में बताया कि आज की तारीख में सबसे ज्यादा रोजगार प्राइवेट सेक्टर में पैदा होता है. देश में पाया गया कि कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ा है. हालांकि, उन्होंने काम करने वाले लोगों की सैलरी उस हिसाब से नहीं बढ़ाई.
Union Budget 2024: मोदी सरकार के तीसरे टर्म का पहला और अपना 7वां बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश कर रही है. इससे पहले 22 जुलाई को देश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया. इसमें कई ऐसी बातें सामने आई हैं जिनकी चर्चा देश में हो रही है. सरकार के आर्थिक सर्वे में ये सामने आया है कि देश में प्राइवेट यानी कॉर्पोरेट सेक्टर में बड़ा बूम आया है. इनकी कमाई में काफी इजाफा हुआ है लेकिन उसके अनुसार, उन्होंने अपने कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ाई है.
22 जुलाई को भारत का आर्थिक सर्वे पेश किया गया था. इसमें पिछले साल हुई प्रगति और आर्थिक गतिविधियों के बारे में बात की गई थी. इससे आज पेश हुए बजट की तस्वीर साफ हो गई थी. सर्वे में कई तरह की बातें कही जा रहीं थी जिसपर अभी भी बात होती है. इसी में कॉर्पोरेट की खिंचाई की गई है.
ग्रोथ बढ़ी पर सैलरी नहीं
सालाना आर्थिक सर्वे में सरकार ने माना कि रोजगार के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्राइवेट सेक्टर को मिलकर कुछ करना होगा. सर्वे में इस बात पर ध्यान खींचा गया कि सबसे ज्यादा रोजगार प्राइवेट सेक्टर से ही आता है. इसमें एक सैंपल सामने रखा गया जिसमें 33000 कंपनियों की स्टडी की गई. इन कंपनियों की ग्रोथ 2020 से 2023 के बीच भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र का मुनाफा लगभग चौगुना हो गया है. लेकिन, लेकिन भर्ती और वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुई है.
कंपनियों का ही फायदा
सर्वे में कहा गया कि भर्ती और वेतन बढ़ाने में कंपनियों का ही फायदा है. इसमें जोर दिया गया कि आर्थिक विकास, रोजगार पैदा करने और उत्पादकता बढ़ाने में राज्य और प्राइवेट सेक्टर को साथ में काम करना होगा.
भारत में रोजगार की स्थिति
बता दें भारत में महामारी जैसी अप्रत्याशित घटनाओं के कारण रोजगार की स्थिति गड़बड़ हुई है. इससे पहले साल 2015 में नौकरियों में गिरावट आई थी. हालांकि, सर्विस सेक्टर में कुछ रोजगार बढ़ था. अब सर्वे से साफ है की कोरोना के बाद कंपनियों का लाभ बढ़ा है लेकिन आपदा का अवसर बनाते हुए कंपनियों ने कर्मचारियों को लाभ नहीं दिया.