इन मुख्यमंत्रियों को नहीं भाया बजट, नीति आयोग की बैठक से करेंगे किनारा
Union Budget 2024: मंगलवार को देश का आम बजट पेश हो गया. ये मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार 7वां बजट था. अब देश में बजट पर चर्चा हो रही है. वहीं विपक्ष इस बजट को निशाने पर ले रहा है. इसके कारण 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल न होने का कुछ मुख्यमंत्रियों ने फैसला लिया है. वो बजट को भेदभावपूर्ण बता रहे हैं.
Union Budget 2024: 23 जुलाई को देश का आम बजट पेश होने के बाद इसपर अब चर्चा हो रही है. सरकार और गठबंधन के साथी इसे बेहतरीन बजट बताने में लगा है. वहीं विपक्ष इसे भेदभाव वाला बता रहा है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 7वें बजट के बाद अब 27 जुलाई को नीति आयोग की बैठक होनी है. इससे पहले कई राज्यों के मुख्यमंत्री इस बजट के विरोध में बैठक से किनारा करने के मूड में है. आइये जानें इन्होंने इस बजट पर क्या कहा है?
बजट के विरोध में नीति आयोग की बैठक से किनारा करने का फैसला लेने वाले मुख्यमंत्रियों में तमिलनाडु के एमके स्टालिन, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के सिद्धारमैया और हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हैं.
तमिलनाडु नाराज
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार शाम को ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की घोषणा की. स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु को बजट में कुछ नहीं मिला. स्टालिन ने वित्तीय नीतियों और आवंटनों पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि तमिलनाडु की आवश्यकताओं और मांगों की उपेक्षा हो रही है. स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आवंटन में नगण्य ही की है. बेरोजगारी और महंगाई जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं है.
कांग्रेस करेगी किनारा
वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा 'बजट अत्यंत भेदभावपूर्ण है, जो संघीयता और निष्पक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है जिनका सरकार को पालन करना चाहिए. उन्होंने आगे लिखा इसके विरोध के लिए कांग्रेस के मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे.
कन्नड़िगों की नहीं सुनी जाती
कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने किहा कि हम नहीं मानते कि कन्नड़िगों की बात सुनी जाती है. इसलिए नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है. हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 जुलाई को अध्यक्षता की जाने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. केंद्रीय बजट ने हमारे राज्य की मांगों की उपेक्षा की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सरकार को सुरक्षित रखने के लिए आंध्र प्रदेश और बिहार से आगे नहीं देखा.
दिल्ली में विरोध
एमके स्टालिन ने कहा कि डीएमके सांसद बुधवार को दिल्ली में विरोध करेंगे.उन्होंने एनडीए सरकार को बनाए रखने के लिए कुछ क्षेत्रीय पार्टियों को संतुष्ट करने वाला बजट बताया. स्टालिन ने कहा कि उन दलों को बजट दिया गया जो 'अल्पसंख्यक बीजेपी' को 'बहुमत बीजेपी' में बदल दिया.
इनका रुख साफ नहीं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल के CM पिनराई विजयन ने अभी तक नीति आयोग की बैठक को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. हालांकि, उन्होंने भी बजट की आलोचना की है कि यह उनके राज्यों की अनदेखी कर रहा है.