Law Minister: संसद द्वारा पारित नए आपराधिक कानून को लेकर बोले केंद्रीय कानून मंत्री, कहा- 'क्रांतिकारी और परिवर्तनकारी है'
Law Minister: हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद से पारित हुए नए आपराधिक विधेयकों को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक बयान दिया है. उन्होंने कहा, ये नया कानून क्रांतिकारी और परिवर्तनकारी के साथ स्वदेशी की भावना वाला है.
Union Law Minister Arjun Ram Meghwal: हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद से पारित हुए नए आपराधिक विधेयकों को लेकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक बयान दिया है. शनिवार, (23 दिसंबर) को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ये नया कानून क्रांतिकारी और परिवर्तनकारी के साथ स्वदेशी की भावना वाला है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, ये तीन बिल बहुत महत्वपूर्ण हैं. जो 3 नए बिल पारित किए गए हैं उनमें भारतीयता है.
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा ने गुरुवार को तीन आपराधिक विधेयक भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह पारित किया. इससे पहले इस बिल को लोकसभा द्वारा पारित किए गए थे.
कानून में जोड़े गए 20 नए अपराध
भारतीय न्याय संहिता में अब आईपीसी के 511 धाराओं के बजाए 358 धाराएं होंगी. विधेयक में कुल 20 नए अपराध जोड़े गए हैं और उनमें से 33 के लिए कारावास की सजा बढ़ा दी गई है. वहीं, 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है. छह अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का दंड पेश किया गया है और 19 धाराओं को विधेयक से हटा दिया गया है.
बहस से दूर रहे अधिकांश विपक्षी दल
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध, हत्या और राष्ट्र के खिलाफ अपराधों को प्रमुखता देते हुए इन तीन विधेयकों को ध्वनि मत से पारित किया गया. वाईएसआरसीपी, बीजेडी, टीडीपी, एआईएडीएमके, टीएमसी (एम), और यूपीपी (एल) नेताओं ने तीन विधेयकों का समर्थन करते हुए बहस में भाग लिया, जिनमें से कई ने हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी शीर्षक रखने के सुझाव भी दिए. हालांकि, बुधवार को जब लोकसभा में तीन विधेयक पारित किए गए, तो अधिकांश विपक्षी सदस्य बहस में शामिल नहीं हुए.