शांति समझौते के बाद भी अशांति, मणिपुर में एक बार फिर भड़की हिंसा
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है. आज भी मणिपुर में दो समुदाय मैतेई और कुकी के बीच हिंसक झड़प दिखाई दे रही है. पिछले साल कुकी समुदाय की दो महिलाओं को मैतेई समुदाय के पुरुषों ने नग्न अवस्था में परेड करवाई थी. जिसके बाद पूरे देश में गुस्सा देखने को मिला था. एक साल बीतने के बाद भी वहां हिंसा खत्म नहीं हुई है. एक दिन पहले ही जिरीबाम में शांति बहाल करने के लिए मेइती और हमार समुदायों के बीच समझौता हुआ था. इसके एक दिन बाद ही तनाव पैदा करने वाली घटना सामने आई हैं
Manipur Violence: मणिपुर पिछले एक साल हिंसा की आग में जुझ रहा है. दरअसल एक बार फिर से वहां हिंसा भड़क उठी है. एक दिन पहले ही जिरीबाम में शांति बहाल करने के लिए मेइती और हमार समुदायों के बीच समझौता हुआ था. इसके एक दिन बाद ही तनाव पैदा करने वाली घटना सामने आई हैं जहां गोलीबारी की गई और एक खाली पड़े घर को आग लगा दी गई. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी है.
उन्होंने बताया कि लालपानी गांव में खाली पड़े एक घर को शुक्रवार रात हथियारबंद लोगों ने आग के हवाले कर दिया. एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना एक बिल्कुल ही अलग बस्ती में हुई जहां मेइती समुदाय के कुछ लोगों के घर हैं और जिले में हिंसा भड़कने की कोशिश की गई.बता दें कि इनमें से अधिकतर घर खाली पड़े हैं. उपद्रवियों ने इलाके में सुरक्षाकर्मियों की गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर आगजनी की घटना को अंजाम दिया. हालांकि उपद्रवियों की पहचान नहीं हो सकी है.
बस्ती को निशाना बनाकर गोलियां चलाई
उन्होंने बताया कि हथियारबंद लोगों ने बस्ती को निशाना बनाकर गोलियां भी चलाईं. साथ ही इस घटना के बाद सुरक्षाबलों को इलाके में भेजा गया. बृहस्पतिवार को असम के कछार में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक प्रतिष्ठान में हुई बैठक में मेइती और हमार समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ था.
एक दिन पहले हुई थी शांति बैठक
इस बैठक का संचालन जिरीबाम जिला प्रशासन, असम राइफल्स और सीआरपीएफ ने साथ मिलकर किया था. जिसमें जिरीबाम जिले के थाडौ, पैते और मिजो समुदायों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. इन समुदायों के प्रतिनिधियों ने जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि बैठक में यह संकल्प लिया गया कि दोनों पक्ष सामान्य स्थिति बहाल करने तथा आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. दोनों पक्ष जिरीबाम जिले में कार्यरत सभी सुरक्षा बलों को पूर्ण सहयोग देंगे.
एक साल से मणिपुर में हिंसा जारी
बता दें कि अगली बैठक 15 अगस्त करने का फैसला लिया गया है. पिछले साल मई से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.