Atiq Ahmed Murder: अतीक अहमद हत्या मामले में यूपी सरकार का SC में हलफनामा, कहा- "पुलिस की कोई गलती नहीं"
Atiq Ahmed Murder: राज्य सरकार ने यह भी दोहराया कि उसने अतीक अहमद की हत्या की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उसकी पुलिस पर लगाए गए व्यापक आरोप झूठे हैं.
Atiq Ahmed Murder: गैंगस्टर और बाहुबली नेता अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या मामले में यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि इस घटना में पुलिस की कोई गलती नहीं है. इसके साथ ही सरकार ने हलफनामे में यह भी कहा कि उसने अहमद सहित सात कथित फर्जी मुठभेड़ हत्याओं की जांच की है और निष्कर्ष निकाला है कि उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं थी.
राज्य सरकार ने हलफनामे में यह भी दोहराया कि वह अतीक अहमद की हत्या की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी है. पुलिस पर लगाए गए यह गंभीर आरोप झूठे हैं. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि अतीक अहमद हत्याकांड में निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करेगी.
'पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं पाई गई है'
यूपी सरकार द्वारा स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि याचिकाकर्ता द्वारा जिन सात घटनाओं को उजागर किया गया है उन सभी घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले से जारी गाइडलाइन के तहत पुरी की जा चुकी है. साथ ही कहा कि एनकाउंटर के जिन मामलों में जांच पूरी हो गई है, वहां मामले में पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं पाई गई है.
विकास दुबे मामले में सरकार ने क्या कहा?
चर्चित विकास दुबे मामले में जानकारी देते हुए यूपी सरकार ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. चौहान कमीशन को बिकरू कांड और उसके बाद विकास दुबे और उसके कुछ सहयोगियों की मौत की जांच करने के लिए कहा गया था. विकास दुबे की मौत के मामले में जांच में किसी प्रकार का संदेह सामने नहीं आया है.
त्वरित जांच और निपटारे के निर्देश
साथ ही सरकार ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए लोगों की त्वरित जांच और निपटारे के दिशा निर्देश दिए गए हैं. पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में की गई कार्यवाई में मारे गए अपराधियों के संबंध में दर्ज मामलों की जांच तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा चल रही जांचों के संबंध में सभी जोन/कमिश्नरेट से सूचना प्राप्त कर पुलिस मुख्यालय स्तर पर नियमित समीक्षा की जाती है.