उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा हो गई. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें एसडीएम और कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. हिंसा के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है और पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू की है.
शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद था. जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने कहा था कि प्रशासन ने उन्हें मस्जिद के सर्वे के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी. हालांकि, संभल के जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पेंसिया ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि जफर अली को प्रशासन ने सर्वे की जानकारी पहले ही दे दी थी.
डीएम पेंसिया ने बताया कि मस्जिद के सर्वे के लिए आदेश 23 नवंबर की रात को एडवोकेट कमिश्नर द्वारा जारी किया गया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि 24 नवंबर को सुबह 7 बजे से सर्वे किया जाएगा.
हिंसा के बाद संभल में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस ने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, इंटरनेट सेवा अभी भी बंद है. एक अधिकारी ने बताया कि इलाके की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया जा रहा है और सीसीटीवी फुटेज से अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है. अब तक इस मामले में 7 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं.
संभल के सांसद जिया उर रहमान वर्क और संभल के विधायक के बेटे सुहैल इकबाल को भी आरोपियों की सूची में शामिल किया गया है.
संभल में अब चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि जिन लोगों ने उपद्रव किया, उनसे नुकसान की भरपाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस दौरान गोली नहीं चलाई, बल्कि केवल प्लास्टिक बुलेट का इस्तेमाल किया.संभल में बाहरी लोगों के प्रवेश पर 30 नवंबर तक रोक लगा दी गई है, और इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
संभल में शाही मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल पहले हरिहर मंदिर का था. इस विवाद को लेकर हिंदू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, और कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था. 24 नवंबर को सर्वे के बाद हिंसा भड़क उठी, जिससे चार लोगों की जान चली गई. वर्तमान में स्थिति सामान्य होने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इलाके में तनाव अभी भी बना हुआ है. First Updated : Tuesday, 26 November 2024