कैसे मायावती की वजह से इन बड़े नेताओं के रिश्तों में आई थी दरार, रातों-रात मच गया हड़कंप

UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में मायावती की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, जिन्होंने दलित वोट बैंक को मजबूत किया और कई जटिल राजनीतिक समीकरणों के जरिए सत्ता की ऊंचाइयों तक पहुंची. 1997 में भाजपा और बसपा का गठबंधन टूटने के बाद मायावती ने सीएम पद छोड़ने से इनकार किया, जिससे भाजपा और बसपा के रिश्ते में खटास आई.

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Mayawati Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में मायावती एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने न केवल दलित वोट बैंक को मजबूत किया, बल्कि अपने अनोखे राजनीतिक समीकरणों से सत्ता के शीर्ष तक पहुंची. भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री बनने के शुरुआती दौर में मायावती ने राजनीतिक समीकरण साधे, लेकिन यह गठजोड़ ज्यादा लंबा नहीं चला. 1995 और फिर 1997 में भाजपा और बसपा के बीच गठबंधन बना और टूटा. इसी दौरान, अटल बिहारी वाजपेयी और कल्याण सिंह के बीच तनाव पैदा हुआ.

1997: मायावती का सीएम पद छोड़ने से इनकार

आपको बता दें कि 1997 में भाजपा और बसपा के गठबंधन के तहत तय हुआ था कि मायावती छह महीने बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगी और यह जिम्मेदारी कल्याण सिंह संभालेंगे. लेकिन मायावती ने इस समझौते को मानने से इनकार कर दिया. इस कारण गठबंधन टूट गया और कल्याण सिंह ने बसपा के बागी विधायकों और अन्य दलों के समर्थन से सरकार बना ली.

अटल-कल्याण के रिश्तों में खटास

वहीं आपको बता दें कि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कल्याण सिंह को यह महसूस हुआ कि अटल बिहारी वाजपेयी, मायावती को सीएम बनाए रखने के पक्ष में थे. ऐसा इसलिए क्योंकि मायावती का समर्थन भाजपा के लिए केंद्र में फायदेमंद था. इसके बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में कल्याण सिंह ने बयान दिया, 'वाजपेयी पहले सांसद बनें, फिर प्रधानमंत्री बनें.' इस टिप्पणी से अटल बिहारी वाजपेयी नाराज हुए.

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विवाद

बताते चले कि 1999 में लोकसभा चुनावों के दौरान, भाजपा को उत्तर प्रदेश में केवल 29 सीटें मिलीं. अटल और कल्याण के बीच तनाव इतना बढ़ा कि दिल्ली में हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में वाजपेयी ने स्पष्ट किया कि कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटना होगा. लालकृष्ण आडवाणी ने इस फैसले का विरोध किया, लेकिन अंत में अटल बिहारी वाजपेयी की बात मानी गई.

इस्तीफा और कल्याण सिंह का गुस्सा

इसके अलावा आपको बता दें कि कल्याण सिंह को इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया और राम प्रकाश गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया. इस घटना के बाद कल्याण सिंह ने वाजपेयी पर आरोप लगाया कि उन्हें 'ब्राह्मणवादी साजिश' के तहत हटाया गया. इसके बाद कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ दी. First Updated : Wednesday, 15 January 2025