Muslim Resevation: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की मांग पर अपना पक्ष साफ किया. उन्होंने कहा कि इस बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. दरअसल, कर्नाटक के नगर प्रशासन और हज मंत्री रहीम खान, कांग्रेस विधायक और विधान परिषद के सदस्यों ने 24 अगस्त को एक पत्र लिखकर यह मांग की थी कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.
सिद्धारमैया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण की मांग उठी है, लेकिन फिलहाल इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के पास इस समय ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और इस पर कोई विचार भी नहीं हो रहा है.
यह बयान मुख्यमंत्री ने बीजेपी द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद दिया. सिद्धारमैया ने कहा, "बीजेपी हर मुद्दे को साम्प्रदायिक रंग देना चाहती है. उनका काम हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच नफरत फैलाना है." उन्होंने यह भी सवाल किया, "क्या बीजेपी कभी समाज में शांति की कामना करती है?"
वहीं, बीजेपी के राज्य अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने इस कदम को अस्वस्थ बताते हुए कहा कि सरकार मुसलमानों को ठेकों में आरक्षण देकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रही है, जिससे समाज में सामंजस्य पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के इस रुख के खिलाफ विरोध करना जरूरी हो गया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसे कांग्रेस की भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति का उदाहरण बताया.
मुख्यमंत्री ने इन सभी आरोपों को नकारा और कहा कि मीडिया में जो खबरें फैल रही हैं, वे बिना किसी आधिकारिक स्रोत के हैं. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार का इन अफवाहों से कोई संबंध नहीं है और सरकार अपने कामकाज में पूरी पारदर्शिता के साथ काम करेगी, ताकि राज्य में शांति बनी रहे. First Updated : Thursday, 14 November 2024