Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ती हिंसा और अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद भारत में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हंगामा मच गया है। इस मामले में कई बड़े नेताओं ने केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनकी सरकार केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने साफ कहा, "हम किसी भी धर्म के खिलाफ हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैंने इस्कॉन से बात की है और केंद्र से उचित कार्रवाई करने की अपील की है। यह अंतरराष्ट्रीय मामला है, इसलिए केंद्र की जिम्मेदारी बनती है।"
सोमवार को बांग्लादेश पुलिस ने ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास इस्कॉन के भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया। इस घटना ने पहले से ही अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा को और गहरा कर दिया है। वहां हिंदू समुदाय पर हमलों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे तनाव बढ़ता जा रहा है।
इस घटना के बाद भारतीय नेताओं ने बांग्लादेश की सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "यह सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में काम कर रही है। हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार अमानवीय और अस्वीकार्य हैं।" उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की अपील की।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी इस मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, "भारत सरकार को निर्णायक कदम उठाने चाहिए। बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।"
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत का अपने पड़ोसी देशों पर प्रभाव कम होता जा रहा है। उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही।
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस्कॉन भिक्षु की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में बढ़ते हमलों पर चिंता जाहिर की है। मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह अपने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इस मामले में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को इस मामले में हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा, "धर्म के नाम पर हिंसा किसी भी देश में हो, वह बर्दाश्त नहीं की जा सकती।"
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमले न केवल धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। भारत सरकार को इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने के साथ-साथ बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
यह मामला सिर्फ एक धर्म का नहीं, बल्कि मानवाधिकारों और समानता का है। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों को मिलकर एकजुटता दिखानी होगी। First Updated : Thursday, 28 November 2024