भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को लेकर हंगामा! 2 लोगों ने पेट्रोल छिड़क खुद को लगाई आग, वायरल हुआ आत्मदाह के प्रयास का Video
Madhya Pradesh Protest: भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकलने वाले जहरीले कचरे को धार जिले के पीथमपुर में ले जाए जाने के विरोध में शुक्रवार को दो लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया. पुलिस और अन्य प्रदर्शनकारियों ने आग बुझाने की कोशिश की. पुलिस ने दोनों घायलों को उपचार के लिए धार जिला अस्पताल पहुंचाया.
Madhya Pradesh Protest: भोपाल गैस त्रासदी के खतरनाक कचरे को लेकर मध्य प्रदेश के धार जिले में प्रदर्शन और विरोध तेज हो गए हैं. शुक्रवार को पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड से निकले जहरीले कचरे के निपटान के खिलाफ दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया. इस घटना का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें दोनों व्यक्तियों को आत्मदाह करते हुए देखा गया. पुलिस और स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने समय रहते उन्हें बचाया और अस्पताल पहुंचाया.
पीथमपुर में शुक्रवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब दो व्यक्तियों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. यह दोनों व्यक्ति 'पीथमपुर बचाओ समिति' द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल थे. उनके साथी प्रदर्शनकारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए आग बुझाई और उन्हें गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया, और इस दौरान एक व्यक्ति को आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया.
During a protest against burning Bhopal's Union Carbide waste in Pithampur, two men doused themselves in petrol aur peeche se kisi ne lighter maar diya 😭 pic.twitter.com/tDQBEKJPb4
— Amoxicillin (@__Amoxicillin_) January 3, 2025
प्रदर्शनकारियों की मांग
विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि भोपाल से लाए गए 12 कंटेनरों में रखा जहरीला कचरा वापस भेजा जाए. सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप सिंह रघुवंशी ने इस संदर्भ में कहा, "राज्य सरकार से हमारी एक ही मांग है कि जहरीले कचरे के कंटेनरों को पीथमपुर से वापस भेजा जाए. जब तक भोपाल से लाए गए कचरे के 12 कंटेनर यहां से वापस नहीं भेजे जाते, तब तक मेरी हड़ताल जारी रहेगी."
राज्य सरकार का बयान
राज्य सरकार ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पीथमपुर में स्थित उपचार, भंडारण और निपटान सुविधा (टीएसडीएफ) राज्य में रासायनिक कचरे के निपटान के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है. इस बीच, स्थानीय लोग अपनी दुकानों को बंद करके विरोध में भाग ले रहे हैं. एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, "दुकान बंद करने का कारण यह है कि भोपाल से 40 साल पुराना जहरीला कचरा यहां पीथमपुर में निपटान के लिए लाया गया है. हम यहां कचरे को जलाने नहीं देंगे. हम पीथमपुर के लोगों के साथ हैं."
मुख्यमंत्री का कांग्रेस पर आरोप
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है. उन्होंने कहा, "जो लोग वोट बैंक के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि जब 1984 में भोपाल गैस त्रासदी हुई थी, तब वे ही सत्ता में थे."
क्या है पूरा मामला?
2 जनवरी को भोपाल से 377 मीट्रिक टन खतरनाक रासायनिक कचरा लेकर 12 ट्रक कंटेनर पीथमपुर पहुंचे थे. ये कंटेनर रामकी फैक्ट्री के परिसर में खड़े थे, जहां से कचरे का निपटान किया जाना था. पीथमपुर के स्थानीय लोग सुरक्षा और पर्यावरण के कारण इस कचरे के जलाने के खिलाफ हैं, और उनका कहना है कि इससे उनकी जिंदगी और स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा.