UPSC: बेटे की पढ़ाई के लिए पिता ने छोड़ा था गांव, सोचा नहीं था हेडमास्टर का बेटा आमिर बनेगा आईएएस
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 घोषित होने के बाद सफलता प्राप्त करने वाले उम्मीदावारों की कामयाबी के किस्से सामने आ रहे हैं। उनमें से आमिर भी एक है। जिन्होंने 154वीं रैंक हासिल कर अपने और पिता के सपने का पूरा किया। आइए जानते है आमिर की कहानी....
23 मई 2023 को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 का परिणाम घोषित किया था। परिणाम घोषित होने के बाद कई उम्मीदवारों ने कड़ी मेहनत कर सफलता हासिल की है। अब उनकी सफलता के किस्से खूब सुर्खियों में है। उनमें से एक आमिर खान है और उनकी कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि उनके पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए गांव का त्याग कर दिया था।
आमिर के पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई और उसकी कामयाबी के लिए करीब 20 साल पहले अपना घर, जमीन और गांव को छोड़ दिया था। यह न सिर्फ आमिर की कहानी है बल्कि पिता की भी कहानी है जिन्होंने अपने बेटे के लिए गांव का त्याग कर दिया था।
पिता ने 20 साल पहले छोड़ा गांव
आमिर खान के पिता रफाकत हुसैन उत्तर प्रदेश के बांदा में एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर है। बेटे के यूपीएससी पास करने के बाद पूरे परिवार में जश्न का माहौल है। पिता का सपना था कि बेटा कुछ ऐसे करें जिससे परिवार का नाम हो। बेटे ने कड़ी मेहनत से अपने पिता का सपना पूरा कर उन्हें एक गिफ्ट दिया। जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। रफाकत हुसैन का कहना है कि वे एक साधारण से परिवार से हैं। 20 साल पहले बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए गांव छोड़ दिया था।
तीसरी बार में मिली सफलता
आमिर का सपना हमेशा से आईएएस बनने था। जिसे उन्होंने तीसरे अटेंप्ट में पास किया है। आमिर बताते है कि वे 14 से 16 घंटे की पढ़ाई करते थे। आमिर ने 12वीं की परीक्षा अलीगढ से की है। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बीटेक किया है। आमिर खान ने कड़ी मेहनत की बदोलत यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 154वीं रैंक हासिल कर पिता के त्याग को बेकार नहीं जाने दिया। आमिर के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। परिवार से लेकर रिश्तेदार आज आमिर की सफलता से काफी खुश है।