लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार का U-टर्न! जानें UPSC को लिखी चिट्ठी में क्या है?
UPSC Lateral Entry Controversy: लोकसेवा आयोग में लेटरल एंट्री को लेकर बढ़े विवाद के बाद मोदी सरकार ने यू-टर्न ले लिया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को नोटिफिकेशन रद्द करने के लिए पत्र लिखा है. कहा जा रहा है उन्होंने PM मोदी के निर्देश पर ये पत्र लिखा है. इस मामले पर लगातार मोदी सरकार, BJP और RSS को कांग्रेस निशाने पर ले रही थी. इसके बाद सरकार ने ये फैसला लिया है.
UPSC Lateral Entry Controversy: फिलहाल के लिए UPSC के जरिए लेटरल एंट्री का विवाद थम गया है. केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन रद्द करने के लिए संघ लोकसेवा आयोग का एक पत्र लिखा है. ये लेटर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने PM मोदी के निर्देश पर लिखा है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने इसपर व्यापक पुनर्मूल्यांकन का फैसला लिया है. प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि सामाजिक न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता होनी चाहिए. इन पदों की समीक्षा किए जाने की जरूरत है. ऐसे में 17 अगस्त को जारी विज्ञापन को रद्द कर दें.
बता दें 17 अगस्त को UPSC ने एक विज्ञापन जारी किया था. इसमें 45 उच्च स्तर के 45 पदों की भरने के लिए आवेदन मंगाई गए थे. ये पद सीधे लेटरल एंट्री से भरे जानें थे. इस कारण कांग्रेस समेत कई कई NDA के दलों ने भी इसका विरोध किया था. कांग्रेस ने इसे ST/SC और OBC के आरक्षण के खिलाफ बताया था.
क्या है पत्र में?
लेटरल एंट्री को लेकर मचे बवाल के बीच कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC को पत्र लिखा है. इसमें आयोग से लेटरल एंट्री पर निकाली गई भर्तियों को वापस लेने को कहा है. पत्र में कहा गया है कि लेटरल एंट्री पर निकाली गई भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए इसे वापस लिया जाए.
Department of Personnel and Training Minister writes to Chairman UPSC on cancelling the Lateral Entry advertisement as per directions of Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/1lfYTT7dwW
— ANI (@ANI) August 20, 2024
इसके आगे पत्र में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी उच्च पदों पर लेटरल एंट्री के लिए संविधान में निहित सामाजिक न्याय और आरक्षण पर जोर देना चाहते हैं. इस कारण इस विज्ञापन को वापस लिया जाए. पत्र में सामाजिक न्याय के प्रति संवैधानिक जनादेश के महत्व पर भी प्रकाश डाला. केंद्र ने कहा कि हाशिए पहुंचे योग्य उम्मीदवारों को सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व मिले, इसकी जरूरत है. पत्र में ये भी कहा गया की इन भर्तियों के समीक्षा की जरूरत है.