ताजमहल में पेशाब पर विवाद, हिंदू संगठनों ने पवित्रता के लिए गाय का गोबर और गंगाजल से किया हंगामा

ताजमहल में हाल ही में पेशाब करने का एक वीडियो वायरल हो गया, जिससे हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश फैल गया. हिंदूवादी महासभा के नेता गोपाल चाहर ने ताजमहल को गाय के गोबर और गंगाजल से शुद्ध करने की मांग करते हुए ये दावा किया कि यह प्राचीन शिव मंदिर है. पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और उन्होंने जेल जाने की धमकी दी. इस विवाद ने ताजमहल की सुरक्षा और सांस्कृतिक महत्व को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं.

calender

Tajmahal: धर्म के नाम पर विवाद अक्सर होते रहते हैं लेकिन जब ताजमहल में पेशाब करने की घटना सामने आई, तो हिंदू समाज में तीव्र आक्रोश फैल गया. दरअसल उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित विश्व धरोहर स्थल ताजमहल हाल ही में एक विवादित घटना का केंद्र बन गया है. एक वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि दो पर्यटक ताजमहल के परिसर में पेशाब कर रहे हैं. इस घटना ने हिंदूवादी संगठनों में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है और इस मुद्दे को लेकर ताजमहल के आसपास काफी हलचल देखी जा रही है.

इस विवादित घटना के बाद हिंदूवादी महासभा के प्रदेश संयोजक गोपाल चाहर ने ताजमहल को शुद्ध करने के लिए गाय का गोबर और गंगाजल लेकर ताजमहल के पश्चिमी गेट पर पहुंच गए. उनका दावा है कि ताजमहल एक प्राचीन शिव मंदिर है और इसे गंगाजल से शुद्ध करना उनकी धार्मिक जिम्मेदारी है.

पुलिस ने ताजमहल में प्रवेश पर लगाई रोक

गोपाल चाहर और उनके समर्थक ताजमहल के परिसर में प्रवेश की मांग कर रहे थे ताकि वे स्थल को गंगाजल से पवित्र कर सकें. हालांकि, पुलिस ने उन्हें ताजमहल के अंदर जाने से रोक दिया. इस पर हिंदूवादी नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया तो वे जेल जाने के लिए भी तैयार हैं. उनका कहना था कि ताजमहल को पवित्र करना उनका धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकार है, जिसे सरकार और प्रशासन को मानना चाहिए.

सांस्कृतिक और सुरक्षा मुद्दे पर उठे सवाल

इस विवाद ने ताजमहल की सुरक्षा, उसकी सांस्कृतिक विरासत और प्रशासन की प्रतिक्रिया पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ताजमहल, जो कि भारतीय और विश्व सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, अब इस धार्मिक विवाद का केंद्र बन गया है. इस घटना ने ताजमहल की सुरक्षा प्रबंधन और इसके सांस्कृतिक महत्व को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है जिसमें सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता प्रमुख भूमिका निभा रही है.

First Updated : Sunday, 15 September 2024