US Envoy On CAA: 'भारत की सुरक्षा जरूरतों को समझते हैं', CAA विवाद पर भारत में अमेरिकी दूत
US Envoy On CAA: अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी ने शुक्रवार को इंडो-पैसिफिक रिलेशन के भविष्य के साथ-साथ भारत में CAA पर भी बात की.
US Envoy On CAA: भारत में अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के लागू होने पर अपने देश की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "कानून के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांत लोकतंत्र की आधारशिला हैं." अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर द्वारा CAA के नियमों को अधिसूचित करने के लिए भारत सरकार के लिए चिंता जाहिर करने के कुछ घंटों बाद, गार्सेटी ने कहा, "हम भारत की सुरक्षा जरूरतों को समझते हैं."
अमेरिकी दूत ने क्या कहा?
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने CAA को लेकर टिप्प्णी की थी जिसपर अब भारत में अमेरिकी दूत एरिक गार्सेटी ने अपनी जवाब देते हुए कहा कि "अमेरिका में, हम इस बारे में बहुत दृढ़ता से महसूस करते हैं, कि संवेदनशील बॉर्डर्स को सुरक्षित रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ''हम भारत की सुरक्षा जरूरतों को भी समझते हैं. इसको हम अच्छी तरह से जानते हैं. लेकिन, धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के तहत समानता के सिद्धांत लोकतंत्र की बुनियाद हैं.''
भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
शुक्रवार को एक सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार द्वारा की गई टिप्पणियों के खिलाफ बात की, और उनकी टिप्पणियों को ''गलत" बताया था.
विदेश मंत्रालय ने अपनी ने कहा कि, "नागरिकता संशोधन अधिनियम नागरिकता देने के बारे में है, ना कि नागरिकता छीनने के बारे में. ये मानवीय गरिमा देता है और मानवाधिकारों का भी समर्थन करता है.''
मिलर ने क्या कहा था?
CAA पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि ''हम बारीकी से निगरानी कर रहे हैं कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ''धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल है.''