Arunachal Pradesh : चीन और भारत के बीच सीमा विवाद कई सालों से चलता आ रहा है. चीन हमेशा भारत के कुछ हिस्सों पर अपना कब्जा करना चाहता है. गलवान घाटी मामला हो या अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद चीन इन जगहों पर अपनी बुरी नजर बनाए रखता है. कई बार ऐसा देखने को मिला है जब चीनी अरुणाचल प्रदेश को लेकर झूठे दावे करती है. इसे लेकर वो कूटनीतिक पैतरे भी अजमाता है. इस बीच चीन को अमेरिका से बड़ा झटका लगा है.
अमेरिका की सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी (SFRC) ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसमें कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा. आपको बता दें कि इसके बाद प्रस्ताव को सीनेट के पटल पर पेश करने व पूर्ण सदन में इसे स्वीकार किया जा सकता है. इस प्रस्ताव को ओरेगॉन के सीनेटर जेफ मर्कल व टेनेसी के बिल हैगर्टी ने पेश किया था. वहीं वर्जीनिया के टिम काइन, टेक्सास के सीनेटर जॉन कॉर्निन और मैरीलैंड के क्रिस वान होलेन ने इसका सपोर्ट किया है.
सीनेट बिस हैगर्टी ने इस प्रस्ताव को पहली बार फरवरी में लाया गया था. तब प्रस्ताव में कहा गया था कि चीन मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत के लिए लगातार गंभार खतरा पैदा कर रहा है. ऐसे में यह जरूरी है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक भागीदारों, विशेषकर भारत के साथ खड़े रहे. इस प्रस्ताव में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के द्वारा यथास्थिति बदलने की कोशिश की निंदा की गई थी.
चीन में कई बार अरुमाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने का कोशिश की है, जिसकी आलोचनी की गई. बता दें कि भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य को चीन अपना हिस्सा बताता है और जंगनान कहता है. वो दावा करता है कि यह दक्षिण तिब्बत है, वहीं भारत ने इस दावे को खारिज कर भारत का अभिन्न अंग बताया है. First Updated : Friday, 14 July 2023