UP News: ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी
Gyanvapi case: वाराणसी कोर्ट द्वारा हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति देने के बाद श्रद्धालु वाराणसी में परिसर के अंदर 'व्यास का तहखाना' में प्रार्थना करने के लिए उमड़ पड़े.
UP News: ज्ञानवापी में व्यास के तहखाने में पूजा-अर्चना के बाद आम श्रद्धालुओं ने भी पुलिस की मौजूदगी में दर्शन किए हैं. वाराणसी कोर्ट द्वारा हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पूजा करने की अनुमति देने के बाद श्रद्धालु वाराणसी में परिसर के अंदर 'व्यास का तहखाना' में प्रार्थना करने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है.
वहीं इस केस को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा ''ज्ञानवापी मामले में यह एक बड़ा घटनाक्रम है. 'व्यास जी के तहखाने' में पहले भी पूजा होती थी. कोई बिना लिखित आदेश के नवंबर 1993 के बाद इसे गलत तरीके से बंद कर दिया गया था, पूजा करने से रोक लगा दी गई थी और बैरिकेड्स लगा दिए गए.
अभिषेक नाम का भक्त ने कहीं ये बात
मस्जिद के तहखाने में चार 'तहखाने' हैं, जिनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के कब्जे में है जो वहां रहते थे. अभिषेक शर्मा नाम के एक भक्त ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि, "मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि आएं और दर्शन करें. यह एक अद्भुत एहसास है और अनुभव बिल्कुल अलग है. हम लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. प्रशासन उचित देखभाल कर रहा है. जो भक्त यहां प्रार्थना करने आए हैं.”
इससे पहले आज मस्जिद के व्यास का तहखाना के बैरिकेड्स खोल दिए गए और सुबह-सुबह दैनिक आरती और पूजा की गई. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, सुबह 3:30 बजे मंगला आरती की गई और दोपहर 12 बजे भोग लगाया गया. कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों के भीतर जरूरी इंतजाम करने को कहा था.
यह कहानी ऐसे समय में सामने आया है जब अंजुम इंतेजामिया कमेटी के नेतृत्व में मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. हिंदू पक्ष ने हाई कोर्ट में कैविएट दायर कर मांग की है कि याचिका पर सुनवाई से पहले उसकी सुनवाई की जाए.
मुस्लिम पक्ष के वकील अखलाक अहमद ने कहा, आदेश में 2022 की एडवोकेट कमिश्नर रिपोर्ट, एएसआई की रिपोर्ट और 1937 के फैसले को नजरअंदाज किया गया है, जो हमारे पक्ष में था.