28 सालों तक राम लला तिरपाल में रहे लेकिन अब वे...: आचार्य सत्येंद्र दास

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, जिसकी आस्था हो, जो जानते हैं और विश्वास करते हैं कि प्रभु राम हैं वे आएंगे. लेकिन जो राम को नकार दिया राम के सत्ता को नकार दिया और उनके अस्तित्व को ही नहीं स्वीकारा. जब कोर्ट मे केस चलता था तो 20 वाकिल खड़ा करते थे, तो उन्हें आने की जरूरत नहीं है.

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Ayodhya: अयोध्या के नवनिर्मित भव्य मंदिर में 22 जनवरी 2024 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का अयोजन होने जा रहा है. इस दौरान राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "जिसकी आस्था हो, जो जानते हैं और विश्वास करते हैं कि प्रभु राम हैं वे आएंगे. लेकिन जो राम को नकार दिया राम के सत्ता को नकार दिया और उनके अस्तित्व को ही नहीं स्वीकारा. जब कोर्ट मे केस चलता था तो 20 वाकिल खड़ा करते थे, तो उन्हें आने की जरूरत नहीं है. उन्होंने आगे कहा, कि जब वो राम को ही नहीं मानते तो उनको निमंत्रण देने की कोई आवश्यकता ही नहीं है."

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास समाप्त करके अयोध्या आ गए तो मुझे यकीन था कि यह कठिनाइयां ज्यादा दिन की नहीं हैं. 28 वर्षों तक राम लला तिरपाल में रहे लेकिन अब वे जब भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो वह दृश्य बहुत अद्भुत होगा."

सत्येंद्र दास ने कहा कि इस घड़ी का सालों से इंतजार था. प्राण प्रतिष्ठा का दृश्य अपने आप में अद्भुत और विलक्षण होगा. जिस दिन प्राण प्रतिष्ठा होगी तथा रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजेंगे वह एक युग के समान है. ऐसा लगता है कि जितनी चुनौतियां और परेशानियां रहीं वे सब समाप्त हुईं, अब युग बदल गया, अब राम का युग आ गया है. First Updated : Friday, 29 December 2023

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